Highlights
- मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए ये रत्न काफी लाभदायक साबित होता है।
- जो लोग मीडिया जगत से जुड़े हुए हैं वो लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं।
रत्न शास्त्रों के अनुसार रत्न ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ाकर किसी भी इंसान के जीवन में तरक्की दिलाया जा सकता है। रत्न ज्योतिष शास्त्र में पन्ना बुध ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। इसे संस्कृत में मर्कत, हिंदी में पन्ना, मराठी में पांचू, बांग्ला में पाना और अंग्रेजी में एमराल्ड कहते हैं। यह रत्न छात्रों के लिए ये काफी फलदायी माना जाता है। कहते हैं इसके प्रभाव से बुद्धि तेज होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। इसके साथ ही यह रत्न किसी भी व्यापारियों के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। क्योंकि ज्योतिष में बुध को व्यापार का दाता कहा गया है। जानिए पन्ना रत्न कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए।
ऐसा कहा गया है कि इस रत्न को पहनने से व्यापार में तरक्की होने लगता है। इसके साथ ही जिन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है या जो सबकुछ जल्दी भूल जाते हैं उनके लिए भी ये रत्न शुभ माना गया है। जिन लोगों को नेत्र रोग हैं वो लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं। साथ ही जो लोग तोतले या उनका उच्चारण सही नहीं होता है, ऐसे लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं। जो लोग मीडिया जगत से जुड़े हुए हैं वो लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं।
दिमाग को तेज और वाणी को प्रखर बनाता है पन्ना, जानिए कौन पहनें और कौन नहीं
रत्न ज्योतिष शास्त्र मुताबिक मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए ये रत्न काफी लाभप्रद साबित होता है। क्योंकि इन राशियों के स्वामी बुध ग्रह को माना गया है। हालांकि किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इसे धारण करें। इसके अलावा पन्ना वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोग भी पहन सकते हैं। लेकिन मेष, कर्क और वृश्चिक वालों को पन्ना बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए। अगर किसी जातक की कुंडली में जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, 12वें भाव में सकारात्मक स्थित हैं तो भी ये रत्न धारण किया जा सकता है। कुंडली में अगर बुध अगर नीच का स्थित है तो यह रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
रत्न ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार पन्ने को चांदी में या सोने की अंगूठी में बनाकर हाथ की सबसे छोटी उंगली पहनी चाहिए। हालांकि इसे सोने में धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। ये कम से कम सवा 7 कैरेट का होना चाहिए। अगर आप पन्ना धारण कर रहे हैं तो इसे बुधवार के दिन पहना अधिक शुभ होता है साथ ही इसे सूर्योदय से लगभग सुबह 10 बजे तक धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करने से पहले उसे बुधवार के एक रात पहले गंगाजल, शहद, मिश्री और दूध के घोल में डुबोकर रख दें। उसके बाद बुधवार के दिन सुबह इसे निकाल कर धूप दीप दिखाकर ऊं बुं बुधाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करके धारण कर लें।