आज यानी 4 मई को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। आप सभी जानते ही है कि- प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी मनायी जाती है। आज शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है लिहाजा आज वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। श्री गणेश को चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता माना गया है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है।
ऐसे में आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी के दिन कैसे करें भगवान गणेश की पूजा, साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त।
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वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि 5 सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इसके बीच आप गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित माना गया है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि
- सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें।
- इसके बाद गणपति का ध्यान करते हुए एक चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उसपर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- अब गंगाजल छिड़कें और पूरे स्थान को पवित्र करें।
- इसके बाद गणपति को फूल की मदद से जल अर्पित करें।
- इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं।
- अब लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाएं।
- इसके बाद नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें।
- गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।
- सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें।
पूजा के बाद इन बातों का रखें ध्यान
मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा में जब आप कोई दीपक जलाते हैं, तो उसका स्थान न बदलें और न ही उसे गणेश जी के सिंहासन पर रखें।