Highlights
- महाभारत के समय विदुर ने की थी विदुर नीति की रचना
- ऐसे लोग कभी नहीं रह सकते हैं सुखी
महाभारत काल के प्रसिद्ध महात्मा विदुर की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती है। विदुर जी तेज बुद्धि और दूरदर्शिता के कारण काफी प्रसिद्ध थे।
महाभारत युद्ध से पहले महात्मा विदुर और धृतराष्ट्र के बीच जो भी बातें हुई थीं उन्हें विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति महात्मा विदुर द्वारा सुझाई गई नीतियों का अनुसरण करता है, उसे जीवन में आसानी से सफलता प्राप्त हो जाती है। ऐसे ही विदुर जी ने उन 6 लोगों के बारे में बताया जो जीवनभर दुखी रहते हैं।
Vidur Niti: ऐसा व्यक्ति कहलाता है सबसे बड़ा महामूर्ख, कभी नहीं कर पाता उन्नति
श्लोक
ईर्ष्यी घृणी न संतुष्टः क्रोधनो नित्यशङ्कितः।
परभाग्योपजीवी च षडेते नित्यदुःखिताः ॥
भावार्थ :
ईर्ष्यालु, घृणा करने वाला, असंतोषी, क्रोधी, सदा संदेह करने वाला तथा दूसरों के भाग्य पर जीवन बिताने वाला- ये छह तरह के लोग संसार में सदा दुःखी रहते हैं।
सुख-दुख तो हर किसी के साथ लगा रहता है। कोई धैर्य के साथ दुख को पार कर खुशी की ओर बढ़ जाता है तो कोई उसी दुख में ही फंसा रह जाता है। विदुर जी ने अनुसार, संसार में कई ऐसे लोग भी हैं जिनके पास दुख का इतना ज्यादा भंडार होता है कि कभी खत्म ही नहीं होता है।
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जो लोग दूसरों से ईर्ष्या, घृणा करते हैं वह लोग कभी खुश नहीं रह सकते हैं। क्योंकि वह व्यक्ति जो अपने सुख से न सुखी होकर दूसरों के सुख से दुखी होता है।
असंतोषी व्यक्ति भी कभी भी खुश नहीं रह सकता। क्योंकि मन में संतोष रहने से ही व्यक्ति खुशी को महसूस कर सकता है।
विदुर जी के अनुसार, जो लोग हमेशा गुस्से में रहते हैं वह लोग भी कभी खुश नहीं रहते हैं। क्योंकि यह लोग खुद के साथ-साथ दूसरों की खुशी को भी दुख में बदल देते हैं।
जो व्यक्ति अपनों के ऊपर शंका करता है। वह व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रह सकता है। क्योंकि शंका एक ऐसी चीज है जो अच्छे से अच्छे रिश्ते में दरार डाल देता है।
जो लोग दूसरों के ऊपर निर्भर रहते हैं वह भी कभी खुश नहीं रह सकते हैं। क्योंकि जो व्यक्ति स्वाभिमान के साथ जीता है उसे ही असली खुशी प्राप्त होती है।