Highlights
- उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहते हैं
- ईशान कोण में देवताओं का वास होता है
वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे उत्तर-पूर्व दिशा, यानी ईशान कोण में शौचालय के निर्माण बारे में। उत्तर-पूर्व दिशा अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाली है। सभी प्राणियों के स्वामी भगवान शिव का निवास इसी दिशा में माना गया है। किसी भी घर का यह सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। घर का यही कोना पूजा या ध्यान के लिये उपयुक्त है। जब कभी जीवन में शक्तिशाली गर्जन होता है तो यही दिशा उस गर्जन को आत्मसात करके जीवन को संतुलित बनाती है।
घर की इस दिशा में शौचालय साक्षात विष के समान होता है, यानी इस दिशा में शौचालय का निर्माण पूर्णतया वर्जित है। यहां ध्यान दिया दूं कि ईशान कोण में गड्ढा होना शुभ माना जाता है इसलिए कुछ लोग बड़ी खुशी-खुशी ईशान दिशा में शौचालय का गड्ढा बनवा लेते हैं, लेकिन यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। अगर किसी वजह से ईशान दिशा में शौचालय बनवाना पड़ जाये तो ध्यान रहे कि शोक पिट के गड्ढे को उत्तर की ओर खिसका देना उचित है। अगर कहीं पहले से ईशान कोण में टॉयलेट बना है और उसे हटाना संभव नहीं है तो उस दिशा में रैमिडी के तौर पर पीला रंग करवाना चाहिए और उस दिशा में शिकार करते हुए शेर का चित्र लगाना चाहिए ।
वास्तु शास्त्र में ये थी चर्चा उत्तर-पूर्व दिशा, यानी ईशान कोण में शौचालय के निर्माण बारे में, उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स को अपनाकर जरुर लाभ उठायेंगे।