Highlights
- हिन्दू धर्म में कई ऐसी परंपराएं और मान्यताएं हैं जो आज तक चली आ रही हैं।
- इन्हीं में से एक परंपरा नाखूनों से जुड़ी है।
Vastu tips: हिन्दू धर्म में कई ऐसी परंपराएं और मान्यताएं हैं जो आज तक चली आ रही हैं। इन्हीं में से एक परंपरा नाखूनों से जुड़ी है। हम सब ने अपने बड़े बुजुर्गों से यह कहते हुए सुना है कि किस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। लेकिन क्या आप इसकी पीछे की वजह जानते हैं? शायद ही आप जानते होंगे। तो आइए जानते हैं कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नाखून नहीं काटने की सलाह क्यों दी जाती है।
इन दिनों नाखून नहीं काटने पीछे वैज्ञानिक कारण भी है
दरअसल, हमें हफ्ते के तीन दिन यानी मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नाखून नहीं काटने की सलाह दी जाती है। आपको बता दें कि इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी है। अगर वैज्ञानिक कारण की बात करें तो इसके अनुसार, मनुष्य के शरीर में उंगलियों के आगे का भाग काफी नाजुक होता हैं जिसे नाखूनों द्वारा सुरक्षा की जाती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि मंगलवार, शनिवार और गुरुवार के दिन यूनिवर्स से आने वाली कई तरह की ऊर्जा का इंसान के संवेदनशील हिस्सों पर खास असर पड़ सकता है। इसलिए इन दिनों में नाखून नहीं काटने की सलाह दी जाती है।
नाखूनों का ग्रहों से भी होता है संबंध
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार को मंगल देवता का दिन होता है और मंगल का संबंध इंसान के खून से होता है। तो वहीं गुरुवार को देवगुरु बृहस्पति का दिन होता है जिसका संबंध बुद्धि से होता है। इसके अलावा शनिवार को शनिदेव का दिन होता है जिनका संबंध हमारी त्वचा से होता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इन दिनों में नाखून काटने से हमारे शरीर ही नहीं ग्रहों पर भी बुरा असर पड़ता है। जिससे व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इन दिनों में नाखून काटने से हो सकती हैं कई परेशानियां
ऐसा भी कहा जाता है कि मंगलवार को नाखून काटने से ब्लड से जुड़ी बीमारियां होती है। जबकि गुरुवार को नाखून काटने से पढ़ाई से जुड़ी परेशानियां आती हैं। साथ ही इंसान के शरीर पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। तो वहीं शनिवार के दिन नाखून काटने से आयु कम होती है और परिवार की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए इन दिनों में नाखून नहीं काटने के लिए कहा जाता है। हालांकि आप सप्ताह के बाकी दिनों में नाखून काटने सकते हैं।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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