Highlights
- ईशान या आग्नेय कोण में भूलकर भी मेज या कुर्सी नहीं लगानी चाहिए।
- दुकान पश्चिम दिशा में है तो दुकान के मालिक को कभी भी ईशान कोण में नहीं बैठना चाहिए।
बाजार में अलग-अलग चीजों की अलग-अलग दुकान देखने को मिलती है। सब दुकानों की अपनी एक अलग पहचान होती है, लेकिन इन दुकानों पर एक ही तरह का वास्तु नियम लागू होता है। जानिए ऐसे ही दुकान के वास्तु संबंधी कुछ बातों के बारें में।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप दुकान में मेज या कुर्सी पर बैठते हैं तो दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखकर ही बैठना चाहिए, यानि उत्तर या पूर्व दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए। लेकिन ईशान या आग्नेय कोण में भूलकर भी मेज या कुर्सी नहीं लगानी चाहिए। यदि दुकान का मालिक अपनी दुकान में कैबिन बनाकर बैठता है तो कैबिन के लिए नैऋत्य कोण, यानि की दक्षिण-पश्चिम दिशा का चुनाव करना अच्छा रहता है।
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लेकिन ध्यान रखें कि कैबिन का प्रवेश द्वार आग्नेय कोण, यानि की दक्षिण व पूर्व दिशा का कोना और वायव्य कोण, यानि उत्तर-पश्चिम दिशा में कभी भी नहीं बनवाना चाहिए। इसके बजाय आप अपने कैबिन का प्रवेश द्वार ईशान कोण, उत्तर दिशा या फिर पूर्व दिशा में बनवा सकते हैं। आपके कैबिन के लिए ये दिशाएं सबसे उपयुक्त हैं।
लेकिन यदि दुकान पश्चिम दिशा में है तो दुकान के मालिक को बैठने के लिए कभी भी ईशान कोण का चुनाव नही करना चाहिए।