Highlights
- घर के प्रवेश द्वार से लेकर घर के श्यनकक्ष तक सभी वास्तु शास्त्र से प्रभावित होते हैं
- वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण में श्यनकक्ष होने से यह व्यक्ति के क्रोध को बढ़ाता है
जीवन से संबंधित हर चीज वास्तु शास्त्र से प्रभावित होती है। घर के प्रवेश द्वार से लेकर घर के श्यनकक्ष तक सभी वास्तु शास्त्र से प्रभावित होते हैं। इनका निर्माण वास्तु शास्त्र के मुताबिक करना चाहिए इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण में श्यनकक्ष होने से यह व्यक्ति के क्रोध को बढ़ाता है, लेकिन क्रोध के साथ-साथ यह और भी परेशानियों का कारण बनता है, जो भी इस दिशा में सोता है, खासकर कि पुरुष, उसे अग्नि-तत्व से संबंधित रोग होने का खतरा बना रहता है। अग्नि-तत्व से संबंधित रोगों में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हृदयघात जैसी बीमारिया शामिल हैं।
इसके अलावा दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करने से भी बचना चाहिए। यह दिशा भी पति-पत्नी के बीच अनबन का कारण बन सकती है, लेकिन अगर आपके पास इन दिशाओं के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है तो आप बेडरूम में सोने के लिये दक्षिण-पश्चिम दिशा में इस तरह व्यवस्था करें कि सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा में हो।
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