Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में आज इंदु प्रकाश से जानिए घर के आंगन के बारे में। आजकल फ्लैट्स में रहने का चलन काफी बढ़ गया है और फ्लैट्स में आंगन बहुत कम ही देखने को मिलते हैं या नहीं भी मिलते हैं। हालांकि बालकनी जरूर नजर आती है। लेकिन पहले या अभी भी गांवों में या सैपरेट घरों में आंगन रखने का चलन है। जहां सूरज की रोशनी आती हो। जहां घर के बच्चे आपस में खेल सके।
वैसे तो घरों में आंगन दरवाजे के अंदर घुसते ही पूरे चौक में होता है, लेकिन कुछ लोग जगह की कमी के चलते घर के एक हिस्से में आंगन बनवाते हैं। इसके लिये घर की पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा में आंगन बनवाने से सूरज की रोशनी बनी रहती है।
इसके अलावा आप घर के बीचों-बीच भी आंगन का निर्माण इस तरह करवा सकते हैं कि घर के कमरे व बाकी जगह इसके चारों ओर बनवाए जा सके। बस ध्यान रहे कि सूरज की उचित रोशनी वहां बनी रहे।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। )
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