Vaman Dwadashi 2022 : हिंदू धर्म में हर पूजा-पाठ का काफी महत्व माना जाता है। हर पूजा हर व्रत के अपने-अपने फायदे होते हैं। आज वामन द्वादशी है। वामन द्वादशी आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। वामन अवतार को भगवान विष्णु का पांचवां अवतार माना जाता है। त्रेता युग में दानवों के राजा बलि का अहंकार दूर करने के लिए भगवान ने वामन का अवतार लिया था।
वामन द्वादशी को लोग विष्णु जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन व्रत रखना काफी लाभकारी माना जाता है। माना जात है कि इस दिन श्री हरि नारायण विष्णु की पूजा करने से मनुष्य के अंदर से अहंकार की भावना समाप्त हो जाती है। विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करने से मनचाहा फल भी मिलता है। इस 4 शुभ योग बन रहे हैं। इस दौरान व्रत रखते हुये भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों पर श्री हरिनारायण की कृपा बरसेगी।
वामन द्वादशी पूजा का शुभ मुहूर्त
- वामन द्वादशी तिथि का प्रारंभ - 10 जुलाई को 2:14 से होगा
- द्वादशी तिथि का समापन 11 जुलाई दिन सोमवार को 5:02 पर होगा
- वामन द्वादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 जुलाई दिन सोमवार को प्रातः काल 7:22 से शायंकाल 5:02 तक है।
वामन द्वादशी पर क्या करें दान
वामन द्वादशी का व्रत रखने और पूजा-पाठ करने के बाद एक बर्तन में एक कटोरी चीनी, एक कटोरी चाव और एक कटोरी दही रखकर ब्राह्मण को दान करें। इस दिन सफेद चीज़ों का दान शुभ होता है। इसके आलावा आप ब्राह्मणों को माला, आसन, कपड़े, फल और गीता भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान विष्णु काफी प्रसन्न होते हैं।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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