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Vaisakha 2022: स्नान-दान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने की भी है परंपरा, इससे सुख समृद्धि की होगी प्राप्ति

, वैशाख मास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है इस दौरान भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है।

Edited by: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published on: May 05, 2022 9:12 IST
Vaisakha 2022- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/ KUNJKRIPA Vaisakha 2022

Highlights

  • कहा गया है कि वैशाख महीने में दान पुण्य के साथ नदी में स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है
  • भगवान विष्णु की पूजा और व्रत-उपवास करने की भी परंपरा है।

वैशाख का महीना शुरू हो चुका है जो 16 मई तक रहेगा। हिंदू धर्म में यह माह काफी खास माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसी माह से त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था। साथ ही इस माह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने की परंपरा है। ऐसा कहा गया है कि वैशाख महीने में दान पुण्य के साथ नदी में स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है। इसके अलावा भगवान विष्णु की पूजा और व्रत-उपवास करने की भी परंपरा है।

 इंदु प्रकाश के अनुसार, वैशाख मास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दौरान भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है। वैशाख मास का एक नाम माधव मास भी है। लिहाजा माधव मास का बड़ा ही महत्व है। इस माह के दौरान आपको इस मंत्र का नित्य ही कम से कम 11 बार जाप करना चाहिए। मंत्र है - 'ऊँ माधवाय नमः'

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स्नान का विशेष महत्व

वैशाख माह के दौरान नदी में स्नान करना लाभकारी माना जाता है। इस माह में सूर्योदय से पहले स्नान करने, जलदान और तीर्थ में नहाने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन यदि आप किसी कारणवश नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं, तो घर में ही स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर और गंगा मां का स्मरण करते हुए स्नान कर लें। ऐसा कहा गया है कि इससे भी व्यक्ति को नदी में स्नान करने के बराबर पुण्य मिलता है।

दान का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख माह में स्नान के साथ-साथ दान भी जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती हैं। इसलिए इस माह में अपनी योग्यता के अनुसार अनाज, फल, दूध, पैसे, वस्त्र आदि का दान कर सकते हैं। इसके अलावा जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन करना शुभ माना जाता है।

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इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा

  • सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर नहाएं। 
  • इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें। फिर भगवान विष्णु की पूजा करने का संकल्प लें।
  • उसके बाद भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • पूजा में इस मंत्र का जप करें। मंत्र है - 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।'
  • अब भगवान को फूल, धूप, नैवेद्य आदि सामग्री चढ़ाएं और दीपक जलाएं।
  • उसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और व्रत की कथा सुनें। 
  • फिर दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान करें। 

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 वैशाख मास के दौरान ये भी कर सकते हैं

  • वैशाख मास के दौरान तुलसीपत्र से श्री विष्णु पूजा। पूरे माह के दौरान तुलसी की पत्तियों से भगवान विष्णु का पूजन करना  चाहिए।
  • तुलसी पूजन के साथ ही इस दौरान घर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ होता है।
  • वैशाख या माधवमास के दौरान जप, तप, हवन के अलावा स्नान और दान का भी विशेष महत्व है।
  • सुबह के समय तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाएं।

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