हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी ना किसी देव या ग्रह की पूजा अर्चना के लिए तय होता है। जैसे रविवार को सूर्य और सोमवार को भगवान शिव की आराधाना की जाती है। इसी प्रकार मंगलवार का दिन बजरंग बली यानी हनुमनान जी की आराधना के लिए निश्चित है। मंगल करने वाले मंगलमूर्ति हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लोग मंगलवार के व्रत भी रखते हैं।
शास्त्रों में भी कहा गया है कि मंगलवार को ही बजरंग बली का जन्म हुआ था इसलिए ये दिन इनकी आराधना के लिए सबसे अच्छा होता है। अगर आप बजरंग बली के लिए व्रत कर रहे है तो आपको इस व्रत के नियम जान लेने चाहिए ताकि आपसे अनजाने में कोई चूक ना हो जाए।
चलिए जानते हैं मंगलवार के व्रत को रखने के नियम
कब शुरू करें मंगलवार के व्रत
किसी भी मंगलवार से बजरंग बली के व्रत नहीं रखे जा सकते। किसी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से ही व्रत शुरू करना चाहिए।
कितने व्रत हैं सही
व्रत 21 मंगलवार, 45 मंगलवार या 51 मंगलवार के रखे जाने चाहिए। इतने व्रत के बाद भक्त को व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
व्रत के दौरान ये काम ना करें
मंगलवार के व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए।
मंगलवार के व्रत के समय ब्रह्मचर्य नहीं तोड़ना चाहिए।
इस दिन दोनों समय का भोजन नहीं करना चाहिए।
मंगलवार के व्रत के दौरान किसी भी व्यक्ति से पैसों का लेन देन नहीं करना चाहिए।
मंगलवार के व्रत के दौरान ये काम करने चाहिए-
मंगलवार के व्रत में संभव हो तो लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
मंगलवार के व्रत में सुंदरकांड या बंजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
मंगमलवार के व्रत में शुद्धता का पालन करना चाहिए
मंगलवार के व्रत में बजरंग बली को लाल रंग का फूल अर्पित करना चाहिए।
जिनकी कुंडली में मंगलदोष है, उन्हें मंगलवार के व्रत जरूर करने चाहिए।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।