हमेशा जवां दिखने की चाहत किसे नहीं होती। लोग तो 60 की उम्र में भी 30 का दिखने के लिए ना जाने क्या क्या जतन करते हैं, क्योंकि बुढ़ापा मतलब 100 बीमारियों को दावत देना, लेकिन तब क्या करें जब जीवन का ये चक्र फास्ट हो जाए। कम उम्र में ही ओल्ड एज वाला एहसास होने लगे, थकान रहने लगे, वज़न बढ़ जाए, कुछ दूर चलते ही धड़कन तेज़ हो जाए, यानी जिस उम्र में गुलाबी स्किन और काले घने बालों से खूबसूरती में चार चांद लगने चाहिए उस उम्र में स्किन ड्राई होने से और बाल झड़ने लगे और चेहरे की रंगत उड़ जाए, तो समझ जाना चाहिए कि थायराइड की परेशानी शुरू हो चुकी है।
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हार्मोनल इम्बैलेंस से चिड़चिड़ापन होने के साथ साथ छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है और इंसान वक्त से पहले उम्र दराज़ दिखने लगता है। दरअसल थायराइड गर्दन के बीचोबीच तितली जैसा एक ग्लैंड होता है जो थायरोक्सिन हार्मोन बनाता है। शरीर के मैटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है और बॉडी में सेल्स को कंट्रोल करता है।
थायराइड प्रॉब्लम दो तरह की होती है। हाइपर थायराइड और हाइपो-थायराइड। हाइपो-थायराइड में वजन तेजी से बढ़ता है तो हायपर थायराइड में वजन अचानक कम हो जाता है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि भारत में हर 10वें शख्स को थायराइड है और कोरोना वायरस के साइड इफेक्ट ने इस परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया है और अब कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच ये ज़रूरी है कि वक्त रहते इस परेशानी को जड़ से खत्म किया जाए, जो योग से मुमकिन है, क्योंकि स्टडी कहती है कि कुछ खास योगाभ्यास से थायराइड को कंट्रोल ही नहीं क्योर किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं इन योगाभ्यासों के बारे में। जानिए थायराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कौन-कौन से योगासन है कारगर।
क्या है थायराइड?
थायराइड गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। जब ये असंतुलित होता है तो थायरायड की बीमारी होती है। ये रोग हाइपो थायरायड और हाइपर थायरायड दो तरह का होता है।
थायराइड के लक्षण
- गले में सूजन
- मूडट स्विंग होना
- बालों का तेजा से झड़ना
- हद्य गति बढ़ना
- पसीना ज्यादा आना
- दिल की धड़कन तेज होना।
थायराइड इम्बैलेंस की वजह
- खराब लाइफ स्टाइल
- फैमिली हिस्ट्री
- कोरोना इंफेक्शन
- किसी तरह का व्यायाम ना करना
- योग-प्राणायाम ना करना
थायराइड को कंट्रोल करेंगे ये योगासन
उज्जायी
इस आसन में गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण किया जाता है। इससे थायराइड को काफी लाभ मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से 7 से 11 बार करें।
शीर्षासन
- रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
- दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
सर्वांगसन
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
- एजिंग को रोकने में सहायक
- शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती
- एकग्रता बढ़ान में मदद करता है
हलासन
- पाचन सुधारने में मदद करता है
- मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
- रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम मिलता है
- स्ट्रेस और थकान से दूर करता है
- दिमाग को शांति मिलती है
मत्स्यासन
- झुके हुए कंधे नॉर्मल हो जाते हैं
- छाती व फेफड़ों का विकास होता है
- स्त्रियों के गर्भाशय और मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं
- पेट की चर्बी घटती है
- खांसी दूर होती है
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
चक्रासन
- हाई बीपी को करे कंट्रोल
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
- मोटापा कम करने में कारगर
- थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
मकरासन
- हाई बीपी को करे कम
- वजन कम करने में करे मदद
- कमर दर्द में लाभकारी
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- बाजुओं को बनाए मजबूत
- लिवर को रखे हेल्दी
भुजंगासन
- मोटापा को कम करने में मददगार
- पाचन शक्ति को रखें ठीक
- डबल चिन से दिलाए छुटकारा
- डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी
- रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत
- ब्रेन से जुड़ी समस्याओं से दिलाए छुटकारा
- हाइपरटेंशन से दिलाए छुटकारा
धनुरासन
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- बवासीर में भी लाभ होता है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
- पेट की चर्बी कम होता है
- मोटापे से छुटकारा मिलता है
- बीपी को करे कंट्रोल
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
उत्तानपादासन
- रीढ़ की हड्डी को दें ताकत
- भोजन पचाने में कारगर
- लिवर और किडनी को रखें हेल्दी
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाए
- तनाव और डिप्रेशन से दिलाए छुटकारा
- बीपी को करें कंट्रोल
सूर्य नमस्कार
- इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करता है
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन घटाने में मददगार
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होता है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है
नौकासन
- शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- टीबी, निमोनिया को करे ठीक
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
- पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
- पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है
पादवृत्तासन
- वजन घटाने में कारगर
- पेट की चर्बी करे कम
- बॉडी को बैलेंस करे
- थायराइड को कंट्रोल करने में कारगर
थायराइड में कारगर प्राणायाम-
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- उद्गीथ
- सिंहासन
थायराइड के लिए रामबाण औषधि -
कांचनार गुग्गुल, वृद्धिवाधिका वटी की 2 गोली का सेवन करे।
पुनर्नवादि मंडूर की 2-2 गोली सुबह शाम लें।
50 ग्राम त्रिकटु चूर्ण , 10 ग्राम गोदंती भस्म आधा आधा ग्राम शहद के साथ खाएं।
सुबह खाली पेट गोमूत्र का अर्क पीएं।
थायोग्रिड का सेवन भी थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करेगा।
थायराइड के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स-
हाथ के अंगूठे के नीचे हथेली के ऊपर की जगह को दबाएं। पूरे शरीर में ऊर्जा बढ़ेगी
पैरों के अंगूठे के नीचे ऊंचे उठे हुए। हिस्से को दबाएं