ज्योतिष शास्त्र में मोती रत्न को चंद्रमा का कारक कहा गया है। रत्न शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि जो व्यक्ति मोती को धारण करता हैं उसके ऊपर मां लक्ष्मी की भी कृपा हमेशा बनी रहती है औऱ मोती जातक की उन्नति में सहायक बनता है। मोती का गुण चित्त को शांत करने वाला समझा जाता है। लेकिन अगर कुंडली के मुताबिक मोती को गलत जातक पहन ले तो मोती बहुत नुकसान कर सकता है। जी हां, चूंकि मोती चंद्रमा का कारक है इसलिए जिन लोगों की राशि के स्वामी चंद्रदेव से शत्रुता रखते हैं, ऐसे जातक मोती पहनते हैं तो अशुभ परिणाम प्राप्त होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
किन लोगों को नुकसान करता है मोती धारण करना
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जिन जातकों राशि के स्वामी बुध, शुक्र, शनि और राहु हैं उन्हें कभी मोती धारण नहीं करना चाहिए। इन राशि के जातकों को मोती नुकसान करता है।
इस प्रकार देखा जाए तो वृष, मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ लग्न के जातकों को मोती नहीं धारण करना चाहिए। अगर ऐसे लोग मोती पहनते हैं तो उनका मन विचलित होता है और जीवन में उठापटक शुरू हो जाती है।
जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा 12वें या फिर 10वें घर में विराजमान होते हैं उन्हें भी मोती धारण करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसे जातकों को मोती नुकसान करता है।
किस रत्न के साथ पहनना चाहिए मोती
मोती को पीले पुखराज के साथ या फिर मूंगा के साथ पहनना चाहिए। इससे यह शुभ फल प्रदान करता है।
किस रत्न के साथ मोती को नहीं पहनना चाहिए
अगर जातक ने हाथ में हीरा, पन्ना, नीलम या गोमेद रत्न पहने हुए हैं तो इनमें से किसी के भी साथ मोती को पहनना हानिकारक हो सकता है। शुक्र, शनि, बुध के साथ चंद्रमा की शत्रुता के चलते इन रत्नों के साथ मोती नुकसान करता है।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसलिए इस रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिष या रत्नों की विशेषता जानने वाले एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।