शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता हैं। अच्छे कर्म करने वालों को शनि सुख और बुरे कर्म करने वालों बुरे दंड देते हैं। शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। हर ढाई साल में शनि एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है। शनि को अपना एक चक्र पूरा करने में लगभग 30 वर्ष का समय लगता है। वहीं ज्योतिष के अनुसार शनि इस समय मकर राशि में गोचर कर रहा है।
6 माह तक मकर राशि में विराजमान
शनि का राशि परिवर्तन इस वर्ष दो चरणों में हो रहा है। पहला चरण 29 अप्रैल को शुरू हुआ जब शनि ने कुंभ राशि में प्रवेश किया। वहीं जून में शनि वक्री होने के बाद 12 जुलाई को शनि फिर से मकर राशि में आ जाएंगे। इस दौरान कई राशियों पर शनि का प्रभाव रहेगा। इस प्रकार शनि लगभग 6 माह तक मकर राशि में विराजमान रहने वाले हैं। 23 अक्टूबर 2022 तक 141 दिनों तक वक्री अवस्था में रहेंगे।
इन राशियों पर होगी साढ़ेसाती
4 जून को कुंभ राशि में वक्री हुए थे अब 12 जुलाई को सुबह 10 बजकर 27 मिनट पर मकर राशि में गोचर करने वाले हैं। 6 माह इस राशि में रहने के बाद 7 जनवरी 2023 तक शनि पुन: कुंभ राशि में गोचर करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से धनु, मकर और कुंभ,मिथुन, तुला राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती होगी।
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