हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है। इस बार सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाई जा रही है। सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति को इंडिया गेट पर स्थापित की जाने की तैयारी है। 23 जनवरी को नेताजी की मूर्ति का होलोग्राम जारी किया जाएगा। देश सुभाष चंद्र बोस के बलिदानों का देश हमेशा ऋणी रहेगा। आइए नेताजी की जयंती पर उनके विचारों से रू-ब-रू होते हैं।
सुभाष चंद्र बोस का प्रसिद्ध नारा, 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' आज भी लोगों के तन-मन में देशभक्ति का जज्बा और जोश भर देता है।
जिस व्यक्ति के अंदर 'सनक' नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता।
मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती।
अपने पूरे जीवन में मैंने कभी खुशामद नहीं की है। दूसरों को अच्छी लगने वाली बातें करना मुझे नहीं आता।
राजनीतिक सौदेबाजी का एक रहस्य यह भी है जोआप वास्तव में हैं उससे अधिक मजबूत दिखते हैं।
अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है।
एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जीवन में खुद को अवतार लेगा।
संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले मुझमे नहीं था।
मेरी सारी की सारी भावनाएं मृतप्राय हो चुकी हैं और एक भयानक कठोरता मुझे कसती जा रही है।
इतिहास गवाह है की कोई भी वास्तविक परिवर्तन चर्चाओं से कभी नहीं हुआ।