Wednesday, January 01, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Som Pradosh Vrat 2022: हर इच्छा को पूर्ण करने के लिए रखें सोम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Som Pradosh Vrat 2022: हर इच्छा को पूर्ण करने के लिए रखें सोम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम् या चन्द्र प्रदोषम् भी कहा जाता है। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : February 24, 2022 22:54 IST
Som Pradosh vrat
Image Source : INSTAGRAM/MAHADEV_NI_DIWANI_01 Som Pradosh vrat

Highlights

  • प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से करें शिव जी की पूजा
  • प्रदोष व्रत पर बन रहा है खास संयोग

प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत किया जाया है | सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसी के नाम पर उस प्रदोष का नामकरण किया जाता है। इस बार सोमवार का दिन है और सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम् या चन्द्र प्रदोषम् भी कहा

जाता है। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि। 

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 28 फरवरी दिन सोमवार सुबह 5 बजकर 42 मिनट से शुरू
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट तक
पूजा का मुहूर्त: 28 फरवरी शाम 6 बजकर 20 मिनट से रात 8 बजकर 49 मिनट तक

Vijaya Ekadashi 2022: हर क्षेत्र में विजय पाने के लिए रखें विजया एकादशी व्रत, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

आज स्नान आदि के बाद सबसे पहले व्रत का संकल्प कर भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल, अक्षत और धूप-दीप आदि से पूजा की जाती है। फिर संध्या
में यानि प्रदोष के समय भी पुनः इसी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए | भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- उसपर भगवान शिव की सदैव कृपा बनी रहती है | अतः प्रदोष व्रत की रात के पहले प्रहर में शिवजी को कुछ न कुछ भेंट अवश्य करना चाहिए । सोम प्रदोष का व्रत अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्र महामृत्युजंय के मंत्र का जाप करें।

ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनात मृत्युर्मुक्षीय माम्रतात।|

इस प्रकार जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा आदि करता है और प्रदोष का व्रत रखता है, वह सभी बन्धनों से मुक्त होकर सभी प्रकार के सुख-समृद्धि को प्राप्त करता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement