Highlights
- आज (6 मई) वैशाख शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पंचमी और शुक्रवार का दिन है।
- पंचमी तिथि आज दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी।
Shukrawar Upay: आज (6 मई) वैशाख शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पंचमी और शुक्रवार का दिन है। पंचमी तिथि आज दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी। आज शाम 7 बजकर 7 मिनट तक धृति योग रहेगा। धृति योग के दौरान रखा गया नींव पत्थर आजीवन सुख-सुविधाएं देता है अर्थात यदि रहने के लिए किसी घर का शिलान्यास यदि इस योग में किया जाए तो इंसान उस घर में रहकर सब सुख-सुविधाएं प्राप्त करता है और आनंदमय जीवन व्यतीत करता है।
साथ ही आज सुबह 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर कल दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला रवि योग रहेगा। रवि योग सभी कुयोगों को, अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति रखता है। इस योग के दौरान शुरू किये गये कार्य बिना किसी बाधा के सफल जरूर होते हैं। साथ ही आज सुबह 9 बजकर 20 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र लग जायेगा। पुनर्वसु नक्षत्र भी धन और सौभाग्य का सूचक है। पुनवर्सु नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह बाणों से भरे हुए तरकश को माना जाता है |
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ऐसे में आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि अलग-अलग शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आप कौन-से उपाय करके लाभ उठा सकते हैं।
- अगर आप किसी नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए पुनर्वसु नक्षत्र में ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार के ऊपर बांस के छः-छः इंच के दो टुकड़े लगाएं और ध्यान रहे कि उसके दोनों सिरे खुले हुए होने चाहिए। अगर बांस न मिले तो बांस से बनी बांसुरी को उपयोग में ला सकते हैं और उनके साथ एक मोर का पंख भी लगा दें। ऐसा करने से आपके नये काम में तरक्की ही तरक्की होगी।
- अगर आप अपनी कला को निखारना चाहते हैं, तो इस दिन आपको उचित स्थान पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए और वहीं पास में ही एक छोटी-सी रंगोली बनानी चाहिए। अब देवी मां के सामने और उस रंगोली के बीचो बीच एक घी का दीपक जलाना चाहिए और देवी मां की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। साथ ही अपने हाथों से ताजे फूलों की माला बनाकर देवी मां को चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से आपकी कला निखरेगी और समाज में आपका नाम बढ़ेगा।
- अगर आप अपने मन पसंद जीवनसाथी विवाह करना चाहते हैं और उसमें कोई अड़चन आ रही है या फिर आपकी कन्या के विवाह से संबधित कोई परेशानी है तो पुनर्वसु नक्षत्र में श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ती या तस्वीर के आगे आसन पर बैठकर “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का एक माला जाप करें और अगर संभव हो तो स्फटिक की माला से जाप करें। जाप के बाद भगवान को भूने हुए आटे में पिसी हुई शक्कर का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपके मन पसंद जीवनसाथी या आपकी कन्या के विवाह में आ रही हर प्रकार की अड़चन दूर होगी।
- अगर आपकी तमाम कोशिशों के बाद भी आपको कार्यक्षेत्र में मनचाही सफलता नहीं मिल पा रही है, तो इस दिन स्नान आदि के बाद मंदिर जाकर भगवान को पुष्प अर्पित कर हाथ जोड़कर प्रणाम करें और फिर भगवान से मनचाही सफलता पाने के लिए प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपको अपने कार्यक्षेत्र में मनचाही सफलता जरूर मिलेगी।
- अगर खूब मेहनत के बावजूद भी आपको पैसों के मामले में सफलता प्राप्त नहीं हो रही है, तो इस दिन आपको सुबह स्नान आदि के बाद विधि-पूर्वक धूप-दीप आदि से देवी मां की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद देवी मां का ध्यान करते हुए चावल से हवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपको अपनी मेहनत के अनुसार पैसों के मामले में सफलता अवश्य ही प्राप्त होगी।
- अगर आप अपने लक्ष्य को ऊंचे मुकाम तक ले जाना चाहते हैं, तो इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र के दौरान मंदिर या किसी धर्मस्थल पर चने की दाल दान करें। साथ ही गुरु के मंत्र का 21 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: बृहस्पतये नम: ऐसा करने से आप अपने लक्ष्य को ऊँचें मुकाम तक ले जाने में कामयाब होंगे।
- आपके घर में धन-दौलत तो बहुत है, लेकिन परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य नहीं है तो इसके लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दो बांसुरी लेकर उसे अपने घर की बीम के दोनों तरफ लाल कपड़े के फिते से बांध दें और ध्यान रहे कि बांसुरी का मुंह आपके घर के मुख्य दरवाजे की ओर रहे। ऐसा करने से आपके परिवार के आपसी संबंधों में धीरे-धीरे करके सुधार आने लगेगा।