Highlights
- घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी के लिए शीतला माता की पूजा की जाती है।
- माता शीतला स्वच्छता की देवी हैं। ये हमें पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने की प्रेरणा देती हैं।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी के दिन शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन खास तौर पर माता शीतला की पूजा की जाती है। इस बार शीतला अष्टमी 25 मार्च को पड़ रही है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा भी कहा जाता है। इस दिन के प्रसाद का भी खास महत्व है। माता शीतला को बासी भोग चढ़ाया जाता है और लोग इसी भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। लोग सप्तमी के दिन माता शीतला के लिए हलवा और पूड़ी का भोग तैयार करते हैं और सुबह अष्टमी को यह भोग माता को अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं इस खास पर्व का महत्व।
माता शीतला स्वच्छता की देवी हैं। ये हमें पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने की प्रेरणा देती हैं। अतः इस दिन आस-पास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना चाहिए और संभव हो तो कोई एक पेड़-पौधे भी अवश्य लगाना चाहिए। इससे पर्यावरण में और आपके परिवार में भी शुद्धता बनी रहेगी।
घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी के लिए, अपने बिजनेस को अनजाने खतरों से बचाए रखने के लिये, देवी मां की कृपा से जीवन में सफलता पाने के लिए, अपने हर काम में लाभ पाने के लिये और कामयाबी हासिल करने के लिए देवी शीतला की उपासना की जाती है।
शीतला अष्टमी पर कैसे करें माता की उपासना?
- अगर आप अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो आज आप स्नान आदि के बाद शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाकर बैठ जाएँ और मंत्रमहोद्धि में दिये देवी मां के इस नौ अक्षरों के मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र इस प्रकार है, 'ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।'
- अगर आप किसी बात को लेकर थोड़ा परेशान हैं, आपका मन कुछ बेचैन सा है तो अपने मन की शांति के लिये आज आप एक छोटा-सा चांदी का टुकड़ा लें और माता शीतला के मंदिर जाकर देवी मां को भेंट करें। अगर उस चांदी के टुकड़े पर माता का चित्र भी बना हो तो और भी अच्छा है।
- अगर आप देवी भगवती की कृपा अपने ऊपर बनाए रखना चाहते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो आज आपको भगवती शीतला की वंदना करनी चाहिए और उनके इस मंत्र का 11 बार जाप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है, 'वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम्। मार्जनीकलशोपेतां सूर्प अलंकृत मस्तकाम्।।'
- अगर आपको किसी भी प्रकार का भय, रोग आदि बना रहता है तो इस सबसे छुटकारा पाने के लिये आज आपको शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये माता शीतला के इस मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है, 'वन्देऽहं शीतलां देवीं सर्व रोग भय अपहाम्। यामा साद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्।।'
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)