Highlights
- शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न
- पूजा में ख्याल रखें ये बातें
- वरना हो सकता है नुकसान
Shani Dev Puja: हिंदू धर्म ग्रंथों, वेदों, पुराणों और शास्त्रों में शनि देव को न्याय और कर्म के अनुसार फल देने वाला देवता बताया गया है। यह भी कहा जाता है कि शनि प्रसन्न हुए तो भिखारी को राजा और क्रोधित हो जाएं तो राजा को भिखाने बनाने में देर नहीं करते। इंसान को अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही उन्हें शनि देव फल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव की पूजा को मनोकामना पूर्ण करने का उपाय बताया गया है। लेकिन कई बार लगातार पूजा करने से भी फल नहीं मिलता, जिसकी वजह पूजा के दौरान होने वाली छोटी-छोटी गलतियां हो सकती हैं। आज हम आपको शनिदेव की पूजा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां और नियम बताने जा रहे हैं।
कभी ना देखें शनिदेव की आंखों में
जब भी कोई अपने आराध्य देव की पूजा करता है तो मूर्ति जीवंत लगने लगती है, ऐसे में भक्त कई बार भगवान की आंखों में आंखें डालकर पूजा करने लगते हैं। लेकिन शनिदेव के साथ ऐसा करना अपने लिए मुश्किल में डालने वाला काम साबित हो सकता है। क्योंकि शनिदेव की आंखों में देखकर भूलकर भी कोई कामना नहीं करनी चाहिए।
क्या है आंखों में ना देखने की वजह
आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव की सीधी दृष्टि नुकसान दायक जबकि वक्री दृष्टि अच्छी मानी जाती है। तो जाहिर सी बात है कि आंखों में देखने से शनि की सीधी दृष्टी पूजा करने वाले पर होती है। इसलिए शनिदेव की पूजा उनके ठीक सामने खड़े होकर भी नहीं करनी चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि शनि देव की पूजा हमेशा पलकें झुकाकर करें।
इन चीजों का ना लगाएं भोग
आमतौर पर पूजा पाठ के दौरान हम एक से एक भव्य खाद्य पदार्थ जैसे हलवा, मिठाई, खीर आदि का भोग भगवान को लगाना चाहते हैं। बाकी सभी पूजाओं में यह सब प्रसाद वर्जित भी नहीं है लेकिन याद रखें कि शनि देव को हमेशा भोग में काले तिल और खिचड़ी ही अर्पित किए जाते हैं।
ना करें तांबे के बर्तन का इस्तेमाल
पूजा के लिए लोग अलग से तांबे के बर्तन खरीदते हैं। क्योंकि बाकी सभी देवी देवताओं की पूजा में यह शुभ माने जाते हैं। लेकिन शनि देव की पूजा करते समय भूलकर भी तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि तांबे का संबंध सूर्य से होता है। ज्योतिष के अनुसार शनिदेव के पिता सूर्यदेव हैं। दोनों के बीच शत्रुता का भाव है। इसलिए शनिदेव की पूजा के दौरान लोहे के बर्तन का उपयोग ठीक माना जाता है।
प्रतिमा के सामने ना रखें जला हुआ दीपक
हर पूजा में दीपक लगाना अनिवार्य होता है, लेकिन शनिदेव की प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर रखना वर्जित है। शनिदेव की मूर्ति के सामने दीपक जला कर रखने की जगह यदि पीपल के पेड़ के नीचे दीपक रखें तो शनिदेव खुश होते हैं।
इन रंगों के कपड़े पहनकर करें पूजा
पूजा की विधियों के साथ शनिदेव की पूजा के दौरान कपड़े के रंगों को लेकर भी एक नियम है। मान्यता के अनुसार शनि देव की पूजा के दौरान काले और नीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।