कुछ पेड़ धार्मिक नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। शमी भी ऐसे ही वृक्षों में शामिल है। शमी का पौधा मुख्य रूप से शनि देव का पौधा माना जाता है और इसे घर में लगाने से शनि देव की कृपा तो प्राप्त होती ही है। धार्मिक रूप से भी शमी के वृक्ष का बहुत महत्व है। इसका संबंध भगवान राम और पाण्डवों से भी रहा है। हिंदू धर्म के मुताबिक शमी को पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। शमी के वृक्ष का पूजन करने से शनि ग्रह को शांत किया जा सकता है। जिस व्यक्ति पर शनि का दुष्प्रभाव चल रहा हो , उसे अपने घर में शमी का वृक्ष लगाना चाहिए। आइए जानते हैं शमी वृक्ष से होने वाले फायदों के बारे में-
आर्थिक तंगी करता है दूर-
कहा जाता है कि शमी का पेड़ धन को खींचता है। इसे घर के ईशान कोण यानी पूर्वोत्तर दिशा में लगाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने पर परिवार को धन की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी। व्यापार और नौकरी में तरक्की लाने के लिए घर में शमी का पेड़ लगाने की सलाह वास्तु शास्त्र में दी गई है।
शुभ काम के लिए निकलते वक्त करें शमी के दर्शन-
मान्यताओं के अनुसार शमी शुभ कामकाज में सकारात्मक फल देता है। अगर आप किसी शुभ काम के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं तो शमी के दर्शन करने के बाद ही घर से बाहर निकले। ऐसा करने पर काम बन जाता है।
शमी के पत्ते फूलों से करें भगवान शिव का अभिषेक-
मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को शमी का पेड़ प्रिय है इसलिए रोज भगवान शिव को शमी के पत्ते या फूल अर्पित करने चाहिए, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
कब लगाएं शमी का पौधा-
कहा जाता है कि शमी के पौधे को शनिवार के दिन लगाना शुभ माना जाता है। अगर आप दशहरे के लिए शमी के पेड़ की पूजा करके इसे घर में लगाते हैं तो भी यह बहुत शुभ माना जाता है।
शनि के प्रकोप से बचाता है-
शमी का पौधा शनि के कोप से भी बचाता है इसलिए अगर घर में किसी पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो घर में शमी का पेड़ लगाना चाहिए। इससे शनि की साढ़ेसाती में राहत मिलती है।हिंदू मान्यताएं कहती हैं कि घर में किसी के विवाह में अनावश्यक देरी हो रही है तो शमी का पौधा लगाने पर शादी के योग बनने लगते हैं।
ना करें ये भूल-
वास्तुशास्त्र कहता है कि शमी के पौधे को सदा घर के आंगन या बालकनी में लगाएं जहां छत ना हो। इसे घर के अंदर किसी कमरे में नहीं लगाना चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।