Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Sawan Shivratri 2022: सालों बाद बन रहा सावन शिवरात्रि का दुर्लभ संयोग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Sawan Shivratri 2022: सालों बाद बन रहा सावन शिवरात्रि का दुर्लभ संयोग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Sawan Shivratri 2022: इस बार का सावन शिवरात्रि बेहद ख़ास होगा। क्योंकि इस बार शिव के साथ साथ माँ पार्वती का भी पूजन किया जाएगा।

Written By: Poonam Yadav @@R154Poonam
Published : Jul 25, 2022 19:55 IST, Updated : Jul 25, 2022 19:59 IST
सालों बाद बन रहा सावन शिवरात्रि का दुर्लभ संयोग
Image Source : INDIA TV सालों बाद बन रहा सावन शिवरात्रि का दुर्लभ संयोग

Highlights

  • 26 जुलाई को है सावन शिवरात्रि
  • शाम 06:30 बजे से 07:30 बजे तक है पूजन का शुभ मुहूर्त
  • 26 और 27 जुलाई को करें जलाभिषेक

Sawan Shivratri 2022:  सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। सावन में किसी भी दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उन्हें खुश किया जा सकता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की चतुर्दशी को शिवरात्रि का व्रत होता है। इस साल सावन महीने में शिवरात्रि 26 जुलाई के दिन यानी कि कल पड़ रहा है। साथ ही सावन शिवरती मंगलवार को होने की वजह से उस दिन मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है, जिस वजह से एक शुभ संयोग बन रहा है। चलिए आपको बताते हैं कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा कैसे की जाती है।

सावन शिवरात्रि और मंगला-गौरी का एक ही दिन शुभ संयोग 

भगवान शिव के साथ माता पार्वती को खुश करने के लिए कल आपके पास बहुत ही सुनहरा अवसर है। 26 जुलाई यानी कि कल भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा कर सकते हैं। दरअसल, इस साल सावन महीने में सावन शिवरात्रि और मंगला-गौरी व्रत एक ही दिन यानी कल पड़ रहा है। मंगला-गौरी व्रत सावन महीने के सभी मंगलवार को रखा जाता है। मंगला गौरी का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं। ऐसा संयोग सालों बाद बना है। भगवान शिव के साथ माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए मंगला-गौरी व्रत रखा जाता है। 

Guru Vakri Gochar: बृहस्पति चलने जा रहे हैं उल्टी चाल, तुला राशि के लिए बुरा समय, वहीं इन 3 राशियों की चांदी

सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

सावन शिवरात्रि की पूजा के लिए सबसे सही मुहूर्त शाम 06:30 बजे से 07:30 बजे तक रहेगा। साथ ही इस महीने की शिवरात्रि कल शाम 06:45 से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 09:10 बजे तक रहेगी, इसलिए भगवान शिव का जलाभिषेक 26 और  27 जुलाई दोनों दिन किया जा सकता है। हिन्दू धर्म के अनुसार शिवरात्रि के दिन चारों प्रहर की पूजा करने से पुरुषार्थ, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष मिलता है।

सावन शिवरात्रि की पूजा विधि

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें । कल मंगला गौरी व्रत भी है इसलिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। साथ ही शिवलिंग में जलाभिषेक करने के बाद उसपर दूध, दही, शहद, चीनी चढ़ाएं । उसके बाद अब भगवान शिव को पुष्प, माला, बेलपत्र, धतूरा, शमी, आक का फूल अर्पित करें। माता पार्वती पर भी फूल चढ़ाएं। भगवान शिव और माता पार्वती को मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद धूप-दीप जलाकर आरती कर लें। अब भगवान शिव के तांडव स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर बेहद प्रसन्न होते हैं और उन्हें मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। 

Vastu for Kitchen: भूलकर भी किचन में खुला न रखें नमक, सिंक में जूठे बर्तन छोड़ने से भी होता है वास्तु दोष

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement