रत्न विज्ञान में नीलम को बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली रत्न कहा गया है। नीलम शनिदेव का रत्न कहा गया है। रत्नशास्त्र में कहा जाता है कि नीलम इतना शक्तिशाली है कि ये महज 24 घंटे में ही असर दिखाना शुरू कर देता है। अगर किसी राशि के लिए यह शुभ यानी कुंडली को सूट कर रहा है तो उसे कामयाबी के शिखर पर बैठा देता है और अगर अशुभ है यानी सूट नहीं कर रहा तो तो राजा को रंक बनने में देर नहीं लगती। इसलिए सलाह दी जाती है कि अपनी कुंडली दिखाकर इसे ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करना चाहिए।
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नीलम शनि का रत्न है और यह शनि को समर्पित है। इसके दो उपरत्न हैं, लीलिया और जमुनिया।
नीलम रत्न धारण करने के फायदे-
ज्योतिष शास्त्र में नीलम को किस्मत बदलने वाला रत्न कहा गया है। यह धन संपत्ति का कारक होता है, बिजनेस में नौकरी व्यापार में सफलता दिलाता है
लीडरशिप कायम करता है
दूरदृष्टि बढ़ाता है
धन लाभ कराता है
कार्यकुशल बनाता है
समाज में बहुत जल्दी प्रसिद्धि दिलाता है
बीमारियों से छुटकारा दिलाता है
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किसे पहनना चाहिए नीलम -
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातक नीलम धारण कर सकते हैं। शनि इन राशि के स्वामियों से मित्रवत भाव रखते हैं औऱ इसीलिए नीलम पहनने पर इन राशियों को शुभ फल मिलता है।
शनि की राशि जैसे कुंभ और मकर राशि के जातकों के अलावा वृषभ जाति के जातकों को नीलम पहनने की सलाह दी जाती है।
वो जातक जिनकी कुंडली में शनि कमजोर, वक्री और अस्त हैं और वो शुभ भाव में बैठे हैं तो ऐसे जातक के नीलम पहनने पर शुभ परिणाम मिलते हैं।
अगर आपकी कुंडली में शनि चौथे, पांचवे,दसवें और 11वें स्थान में हैं तो जातक को ज्योतिषी की सलाह पर नीलम धारण करना चाहिए।
शनि की महादशा, अन्तरदशा, ढैया या साढ़ेसाती का समय चल रहा हो तो नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है।
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किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए नीलम -
वैदिक ज्योतिष शास्त्र कहता है कि सामान्य तौर पर मेष राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, वृश्चिक राशि, धनु राशि और मीन राशि वालों को नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए। दरअसल इसके पीछे ये तर्क दिया गया है कि इन सभी राशियों के स्वामियों से शनिदेव शत्रु भाव रखते हैं और इसी वजह से इन राशियों के जातकों के लिए नीलम शुभ फल नहीं देता।
इन राशियों के जातक अगर नीलम पहनते हैं तो उनके जीवन में परेशानियां आ जाती है। धन दौलत के नुकसान के साथ साथ इन राशियों को पारिवारिक दुख भी झेलने पड़ते हैं।
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कैसे पहचानें कि नीलम सूट करेगा या नहीं -
मान्यताओं में नीलम के शुभ और अशुभ असर को जांचने की एक सामान्य प्रक्रिया बताई गई है। रात को सोते वक्त नीलम को तकिये के नीचे रखें। सोते समय बुरे सपने नहीं आएं, स्वास्थ्य सामान्य रहे और चेहरे में कोई बदलाव नहीं हो तब नीलम को धारण किया जा सकता है। अगर ऊपर लिखी परेशानियां दिखती हं तो नीलम पहनने का रिस्क नहीं लेना चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसलिए इस रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिष या रत्नों की विशेषता जानने वाले एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।