Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Rang Panchami 2022: रंग पंचमी आज, जानिए इस पर्व को मनाने की खास वजह

Rang Panchami 2022: रंग पंचमी आज, जानिए इस पर्व को मनाने की खास वजह

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 17 मार्च को मनाई जाएगी जबकि18 मार्च को होली खेली जाएगी। वहीं इसके ठीक पांच दिन बाद यानी 22 मार्च को रंगपंचमी मनाया जाएगा। आइए जानते हैं रंगपंचमी का शुभ मुहूर्त और इसे बनाने की वजह।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 22, 2022 11:50 IST
Rang Panchami 2022- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Rang Panchami 2022

Highlights

  • 22 मार्च को रंगपंचमी मनाया जाएगा।
  • भगवान श्रीकृष्ण रंगपंचमी के दिन राधा मां के साथ होली खेली थी।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा से शुरू हुआ होली का त्योहार चैत्र मास की पंचमी तिथि तक मनाया जाता है। इसी पंचमी तिथि को रंगपंचमी के नाम से जाना जाता है। इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। इसे श्रीपंचमी और देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, बहुत-सी जगहों पर होली समेत पांच दिनों तक रंग खेलने की परंपरा है, यानी असल में होली का त्योहार रंग पंचमी के दिन सम्पूर्ण होता है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, यू.पी, राजस्थान आदि जगहों पर विशेष रूप से ये त्योहार मनाया जाता है। होली की तरह ही इस दिन भी खूब अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है और एक-दूसरे के रंग लगाया जाता है। कहते हैं आज वायुमंडल में रंग उड़ाने से या शरीर पर रंग लगाने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक शक्तियों का संचार होता है और आस-पास मौजूद नकारात्मक शक्तियां क्षीण हो जाती हैं। 

रत्न शास्त्रों के अनुसार पन्ना को इस तरह पहनने से सारे दुःख होते हैं खत्म

जानें कब है रंग पंचमी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 17 मार्च को मनाई जाएगी जबकि18 मार्च को होली खेली जाएगी। वहीं इसके ठीक पांच दिन बाद यानी 22 मार्च को रंगपंचमी मनाया जाएगा। आइए जानते हैं रंगपंचमी का शुभ मुहूर्त और इसे बनाने की वजह।

रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त

  • चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि प्रारंभ - 22 मार्च 2022, मंगलवार सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू
  • चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 23 मार्च 2022, बुधवार, सुबह 04 बजकर 21 मिनट तक

रंगपंचमी मनाने की वजह

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण रंगपंचमी के दिन राधा मां के साथ होली खेली थी। इसी वजह से इस दिन विधि-विधान के साथ राधा-कृष्ण का पूजा करने के बाद उन्हें गुलाल आदि अर्पित करके होली खेला जाता है। साथ ही इस दिन राधा रानी के बरसाना में मंदिरों में विशेष पूजा करने के बाद हुरियारे अबीर-गुलाल उड़ाते हैं। 

दुकान या घर में ऐसे टांगे बांसुरी, जमकर बरसेगा पैसा, कभी नहीं होगी ऐश्वर्य की कमी

वहीं दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, होलाष्टक के दिन भगवान भोलेनाथ ने कामदेव को भस्म कर दिया था। जिसके चलते देवलोक में उदासी छा गई थी। उसके बाद भगवान शिव ने कामदेव की पत्नी देवी रति और देवताओं की प्रार्थना पर कामदेव को दोबारा जीवित कर देने का आश्वासन  दिया था। इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे। इसके बाद से ही पंचमी तिथि को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा।

रंगपंचमी के दिन उड़ाई जाती है गुलाल

रंगपंचमी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन रंगों की बजाए गुलाल से होली खेली जाती है। साथ ही रंगपंचमी के दिन हुरियारे गुलाल उड़ाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन वातावरण में गुलाल उड़ाना शुभ होता है। साथ ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता भी धरती भी पर आ जाते हैं और वह इंसानों के साथ गुलाल खेलते हैं। ये भी कहा जाता है कि हवा में उड़ने वाली अबीर-गुलाल के संपर्क में जो व्यक्ति आ जाता है उसको हर पापों से छुटकारा मिल जाता है। 

टेबल पर रखी चीजें भी तय करती हैं आपकी तरक्की का रास्ता, आज ही इन चीजों को हटाएं

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement