Highlights
- 11 अगस्त को ही पूर्णिमा तिथि है इसलिए रक्षाबंधन 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
- दोपहर 12:08 से 12:59 तक और फिर शाम 6:55 से रात 8:20 तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।
Raksha Bandhan 2022: सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। देशभर में भाई बहनों के प्रेम के प्रतीक का ये दिन लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आता है। रक्षाबंधन का इतिहास बहुत ही पुराना है, वैदिक युग में भी रक्षाबंधन का महत्त्व बताया गया है। देवी इंद्राणी के द्वारा निर्मित रक्षा सूत्र, गुरु बृहस्पति के द्वारा इंद्र को बांधा गया था राक्षसों से बचने के लिए। ठीक इसी प्रकार रक्षाबंधन के बारे में स्कंद पुराण, पद्म पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण इत्यादि ग्रंथों में भी इसका उल्लेख आया है।
11 या 12 किस दिन है रक्षाबंधन?
पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को सुबह 10:38 से 12 अगस्त 2022 को सुबह 7:05 तक है, क्योंकि सारा दिन 11 अगस्त को ही पूर्णिमा तिथि है इसलिए रक्षाबंधन 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन का जो सबसे शुभ मुहूर्त है वो है अभिजीत मुहूर्त, जो दोपहर 12:08 से 12:59 तक और फिर अमृत मुहूर्त शाम 6:55 से रात 8:20 तक रहेगा।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
भगवान विष्णु ने जब वामन के अवतार में पूरी सृष्टि को तीन पग मे नाप लिया था और राजा बलि को पाताल पहुंचाकर वहां का राजा बना दिया था, तब भगवान विष्णु ने राजा बलि को वरदान दिया था और कहा था कि वो जीवनभर उनकी रक्षा करेंगे। वह बैकुंठ में ही बैठ गए, जब कई सालों तक विष्णुजी नहीं लौटें तो मां लक्ष्मी उन्हें खोजने निकलीं। ऋषि नारद ने माता लक्ष्मी को सारी कहानी बताई और कहा कि राजा बलि को आप रक्षासूत्र पहनाकर उपहार में भगवान विष्णु को मांग लीजिए। माता लक्ष्मीजी ने यही किया राजा बलि को राखी बांधी और उनसे भगवान विष्णु को आजीवन रक्षा करने वाले कवच से मुक्त किया। उसके बाद भगवान विष्णु मां लक्ष्मी के साथ बैकुंठ में ही बस गए। तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाने लगा।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन बहुत ही पवित्र त्यौहार है इसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उससे जीवन भर रक्षा करने का वचन लेती है। भाई अपनी बहनों को कुछ उपहार भी देते हैं, यह पर्व बहुत ही पवित्र है इसके लिए कुछ नियम हैं। जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
राखी बांधते वक्त भूलकर न करें ये गलती
- राखी का रंग कभी काला नहीं होना चाहिए, काली राखी बांधना अशुभ होता है।
- राखी आप सोने, चांदी या रेशम किसी भी चीज की ले सकते हैं।
- कांच या जल्दी टूटने वाली राखी नहीं खरीदनी चाहिए।
- राखी बांधने से पहले ही चंदन, मिठाई, राखी और आरती का प्रबंध कर लें।
- मिठाई गाय के दूध की बनी हो तो शुभ होती है।
राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र
रक्षा सूत्र या राखी बांधते समय बहनों को चाहिए निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करना चाहिए मंत्र है-
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल।।
वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ- पंडित मनोज कुमार मिश्रा
(डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। )
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