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Raksha Bandhan 2022: कब है रक्षाबंधन? जानिए शुभ मुहूर्त और राखी बांधने का सही तरीका

Raksha Bandhan 2022: आइए जानते हैं रक्षाबंधन कब है? राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? साथ ही जानिए राखी बांधने का सही तरीका।

Written by: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated : June 18, 2022 9:47 IST
Raksha Bandhan 2022
Image Source : INDIA TV Raksha Bandhan 2022

Highlights

  • हर साल सावन मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जाता है।
  • इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा।
  • राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा की तरफ और बहन का पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

Raksha Bandhan 2022: आमतौर पर तो देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन का एक अलग ही महत्व है। रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है।

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन मास की पूर्णिमा के दिन  ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई में राखी बांधती हैं साथ ही उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। वहीं भाई भी रक्षा धागे को अपने हाथों पर बंधवा कर बहन की उम्र भर रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

ऐसे में आइए जानते हैं रक्षाबंधन कब है? राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? साथ ही जानिए राखी बांधने का सही तरीका। 

Raksha Bandhan 2022

Image Source : FREEPIK
Raksha Bandhan 2022

जानिए कब है रक्षाबंधन ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 गुरुवार को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन यानी 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में इस साल भाई-बहन का प्यारा सा त्योहार रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। 

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप राखी बांध सकती हैं।

Raksha Bandhan 2022

Image Source : INSTAGRAM
Raksha Bandhan 2022

इस तरह बांधे राखी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा की तरफ और बहन का पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। उसके बाद बहनें अपने भाई को रोली और अक्षत का टीका लगाएं। फिर घी के दीपक से भाई की आरती उतारें। उसके बाद मिठाई खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें। इस दौरान इस मंत्र का जाप करें।

मंत्र है - 

  • न बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:।
  • तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।

अर्थ

जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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