ज्योतिषशास्त्र में राहु और केतू को छाया ग्रह बताया गया है जिनसे हर कोई भय खाता है। एक राक्षस के शरीर से जन्में राहु केतु अगर किसी की कुंडली में बैठ जाएं तो अशुभ फल मिलने शुरू हो जाते हैं। खासकर राहु की नजर अगर किसी जातक पर पढ़ जाए तो उसकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को चौपट होना तय मान लिया जाता है।
शास्त्रों में राहु को दैत्यरा हिरण्याकश्यप की पुत्री सिंहिका का पुत्र कहा गया है।
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राहु वो रहस्यवादी ग्रह है जिसके कुंडली में आते ही कई तरह केलक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। राहु की खास नजर किसी जातक के दिमाग और जुबान पर रहती है।
राहु कुंडली में हावी हो जाए तो दिखते हैं ये लक्षण -
दिमाग में भ्रम पैदा होना, इसके चलते व्यक्ति खुद ही अपना बुरा कर डालता है।
गलत बात सुनना, सही बातों को नजरंदाज करना
जुबान पर नियंत्रण खो बैठना,इसके चलते सामाजिक संबंध खराब हो जाते हैं।
अतीत को लेकर रोना और आने वाले कल को लेकर बड़े बड़े ख्वाब बुनना।
कुछ न होने पर भी आशंका,डर, बैचेनी का शिकार होना
रात को बहुत ज्यादा सपने आना
किसी भी फैसले को लेने में असफल होना, बार बार फैसला बदलना
दूसरों पर विश्वास नहीं करना, इससे भी सामाजिक संबंध खराब होते हैं
धोखेबाजी, बेईमानी करने के विचार आना
ग्रह कलेश होने लगते हैं
सिर में बार बार चोट लगना
वो जगहें जहां राहु का वास होता है, मांस मछली, मद्यपान बिकने वाली जगहों पर बार बार जाना
गलत फैसलों के चलते आमदनी का घटना, बिजनेस में घाटा
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।