Highlights
- राहू को पापी ग्रह कहा जाता है
- लेकिन राहू का धनलाभ कराने वाले ग्रहों से तालमेल लाभ कराता है
लॉटरी और सट्टा यूं तो बुरी आदतें कही जाती हैं। कहते हैं कि ये लत लग जाए तो आदमी को कंगाल होते देर नहीं लगती। लेकिन इन्हें किस्मत से इसलिए जोड़ा जाता है क्योंकि कब किसकी लॉटरी लग जाए कहा नहीं जा सकता। लेकिन कुंडली में मौजूद एक ग्रह ऐसा है जो मेहरबान हो जाए तो लॉटरी निकल जाती है और जातक मालामाल हो जाता है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं राहू ग्रह जिसे ज्योतिष शास्त्र में यूं जातकों को परेशान करने वाला पापी ग्रह माना जाता है लेकिन अगर ये कुंडली में सही जगह पर बैठ जाए तो किस्मत चमका देता है।
ज्योतिष में कुंडली का 5वां भाव लॉटरी का माना गया है तो दूसरा भाव धन का माना गया है। कुंडली में 11वां भाव धन/पैसे के लाभ का है तो 9वां भाव भाग्य का भाव कहा जाता है।
ऐसे में राहु के साथ साथ केतु और बुध को भी अचानक बड़ा प्रॉफिट/लॉटरी, सट्टा, शेयर बाजार से से धन लाभ कराने वाले ग्रह माने जाते हैं।
इसे इस तरह देखिए कि अगर ऊपर बताए गए सभी ग्रह आपस में एक दूसरे का साथ देते हुए बलवान बन रहे हैं तो व्यक्ति को धनवान होने से कोई नहीं सकता। हालांकि इसके साथ साथ मेहनत और सूझबूझ की भी जरूरत होती है।
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ज्योतिष विज्ञान में भी राहु को एक मात्र ऐसा ग्रह माना गया है जिसे सट्टा, लॉटरी जैसी चीजों से जोड़ा जाता है। ये एक ग्रह अगर किसी की कुंडली में धन स्वामी और भाग्य के भाव में बेहद मजबूत स्थिति में विराजमान हो तो जातक अगर लॉटरी में पैसा लगाता है या शेयर बाजार में पैसा लगाता है, उसे जीतने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि राहू अगर जातक की कुंडली में सही जगह पर बैठा हो, या जातक के पक्ष में राहू की दशा या महादशा चले तो जातक को आकस्मिक धन लाभ होना तय माना जाता है।
राहू अगर अनुकूल हो और धन लाभ कराने वाले ग्रह भी सही दिशा में हो तो जातक जहां हाथ लगाए वहीं से धन लाभ होता है।
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अगर कुंडली में राहू अनुकूल फल नहीं दे रहा तो राहू को मजबूत करने के लिए क्या करें -
- छोटे पक्षियों को रोज सुबह बाजरा खिलाने पर राहू मजबूत होता है।
- ऊं रां राहवे नम: मंत्र का नियमित तौर पर जाप करें।
- पंचधातु या लोहे की अंगुठी में नौ रत्ती का गोमेद जड़वा कर शनिवार को राहु के बीज मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके दांये हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करने पर भी राहू अनुकूल होता है।
- रोज सुबह दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इनकी पुष्टि नहीं करता है।