Highlights
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होग पौष मास
- पौष मास में पड़ रहे हैं कई बड़े व्रत-त्योहार
हिंदू कैलेंडर में भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। जिस मास की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में रहता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा गया है। 20 दिसंबर से पौष का महीना प्रारंभ हो गया है। पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। इसलिये इस महीने को पौष के नाम से जाना जाता है। सनातन संवत के अनुसार पौष दसवां महीना है।
पौष मास के दौरान सूर्य की उपासना का भी बड़ा महत्व है। इसलिए इस मास में भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा करने के साथ जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं इस पौष मास में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के बारे में।
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पौष मास में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट
19 दिसंबर, रविवार: पौष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ सुबह 10 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रहा है।
22 दिसंबर, दिन, बुधवार- संकष्टी चतुर्थी
25 दिसंबर,शनिवार- क्रिसमस डे, साल का सबसे बड़ा दिन
26 दिसंबर, रविवार- भानु सप्तमी
30 दिसंबर, गुरुवार- सफला एकादशी
31 दिसंबर, शुक्रवार- शुक्र प्रदोष व्रत
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02 जनवरी,रविवार: पौष अमावस्या
06 जनवरी, गुरुवार- विनायक चतुर्थी
09 जनवरी, रविवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती
12 जनवरी, बुधवार- स्वामी विवेकानंद जयंती
13 जनवरी, गुरुवार- पौष पुत्रदा एकादशी, वैकुंठ एकादशी
14 जनवरी, शुक्रवार- मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, सूर्य का उत्तरायण, खरमास का समापन.
15 जनवरी, शनिवार- शनि प्रदोष व्रत
17 जनवरी, सोमवार- पौष पूर्णिमा