Highlights
- हमारा शरीर जल, वायु, आकाश, धरती और अग्नि से मिलकर बना है।
- कभी भी अग्नि का अपमान नहीं करना चाहिए
- अग्नि को देवताओं का स्थान दिया गया है।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए अग्नि के बारे में। प्रत्येक दिशा का संबंध किसी न किसी तत्व से अवश्य होता है। अग्नि का संबंध दक्षिण पूर्व, यानी आग्नेय कोण से है।
अग्नि से संबंधित सभी चीज़ें हमें इसी दिशा में रखनी चाहिए। हमारा शरीर जल, वायु, आकाश, धरती और अग्नि से मिलकर बना है। में से एक अग्नि भी है। कहते हैं अग्नि इन पांचों तत्वों में से सबसे कम मात्रा में पाई जाती है। लेकिन अग्नि हमारे पाचन तंत्र से जुड़ी हुई है। सूर्य भी अग्नि है और इसी अग्नि से यह पूरा संसार रोशन होता है। अग्नि से जुड़ी इतनी सारी बातें हमने इसीलिए बताई क्योंकि अग्नि का हमारे जीवन मे बहुत महत्व है। हमें कभी भी अग्नि का अपमान नहीं करना चाहिए। अग्नि को देवताओं का स्थान दिया गया है।
कई बार हम दीये, मोमबत्ती या माचिस की तिल्ली को फूंक मारकर बुझाते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। कभी भी इस तरह से अग्नि को नहीं बुझाना चाहिए और पैरों के नीचे मसलकर तो माचिस की तिल्ली को कभी भी नहीं बुझाना चाहिए। आप दूर से हाथ मारकर भी उसे बुझा सकते हैं।
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