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Nag Panchami 2022: सिर्फ नाग पंचमी पर ही खुलते हैं इस मंदिर के पट, दर्शन करने से दूर होता है काल सर्पदोष

Nag Panchami 2022: आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारें में बताने जा रहे हैं जिसके पट श्रद्धालुओं के लिए साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी पर ही खुलते हैं जो लगातार 24 घंटे तक खुले रहते हैं।

Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published : Jul 24, 2022 21:00 IST, Updated : Jul 24, 2022 21:00 IST
Nag Panchami 2022
Image Source : INDIA TV Nag Panchami 2022

Highlights

  • श्रावण मास की शुक्ल की पचंमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है
  • इस बार नागपंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा।
  • जानिए नागचंद्रेश्वर मंदिर के बारे में।

Nag Panchami 2022:  हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल की पचंमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस बार नागपंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। सनातन परंपरा में नागों की पूजा का बहुत अधिक महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नागों की पूजा की जाती है। साथ ही दूध चढ़ाया जाता है। नागपंचमी के दिन मंदिरों में काफी भीड़ होती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारें में बताने जा रहे हैं जिसके पट श्रद्धालुओं के लिए साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी पर ही खुलते हैं जो लगातार 24 घंटे तक खुले रहते हैं। इस मंदिर में दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं। यह मंदिर है बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर। यह मंदिर उज्जैन में स्थित है। 

इस मंदिर में भगवान शिव, माता पार्वती एवं उनके पुत्र गणेशजी और नाग इस सिंहासन पर आसीन हैं। माना जाता है कि विश्व में ऐसा मंदिर और कही नहीं है। इस मंदिर की अपनी ही एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि इस दिन नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने से काल सर्प दोष दूर हो जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस मंदिर की पौराणिक कथा और इसकी प्रसिद्धि के बारें में। 

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सर्पों के राजा तक्षक ने भगवान भोलेनाथ की तपस्या कर अमरत्व का वरदान प्राप्त किया था। माना जाता है कि तक्षक नाग इसी मंदिर में विराजित है। वह भगवान शिव के गले, हाथ-पैर में एक नाग के रुप में लिपटे हुए हैं। जिस पर शिव और उनका परिवार आसीन है। यह मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर के ऊपरी प्रकोष्ठ में बना हुआ है, जो कि साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। 

इस मंदिर में जाने से दूर होता है काल सर्प दोष

नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए नागपंचमी के दिन सुबह से ही लोगों की लम्बी कतारे लग जाती है। मान्यताओं के अनुसार,  इस दिन नाग तक्षक स्वयं मंदिर में आते हैं और दर्शन करने वाले के काल सर्प दोष का निवारण करते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित भगवान भोलेनाथ को अर्पित फूल व बिल्वपत्र को लांघने से मनुष्य को दोष लगता है, लेकिन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने से यह दोष मिट जाता है। पंचक्रोशी यात्री भी नारियल की भेंट चढ़ाकर भगवान से बल प्राप्त करते हैं और यात्रा पूरी होने पर मिट्टी के बने घोड़ें यहां चढ़ाते हैं।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है। 

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