वैदिक ज्योतिष में कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति के चलते कई तरह के शुभ और अशुभ योग बनने की बात कही जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी जातक की कुंडली में पंच महापुरुष योग का बहुत ही महत्व होता है। इन पंच महापुरुष में आने वाले योग भद्र योग, हंस योग, माल्वय योग, रूचक योग और शश योग कहलाते हैं। अगर मालव्य योग की बात करें तो शौहरत, धन दौलत और सुंदरता देने वाला ये योग शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति के चलते लगता है।
ज्योतिष शास्त्र की गणना कहती है कि किसी जातक की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दशवें भाव में शुक्र का अपनी स्वराशि वृषभ और तुला में या अपनी उच्च राशि मीन में स्थित होने पर मालव्य योग बनाता है।
इस योग का शुभ प्रभाव जब जातक पर पड़ता है तो व्यक्ति बहुत साहसी, तर्कसंगत, मोटिवेटर, आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी बनता है।
करियर की बात करें तो मालव्य योग के प्रभाव से जातक शोबिज इंडस्ट्री में ऊंचा मुकाम पाता है। ऐसे लोग योग मीडिया प्लानर, ब्यूटी एक्सपर्ट, इंटीरियर डेकोरेटर, वैडिंग औऱ ईवेंट फोटोग्राफर, एस्ट्रोलॉजर, टीवी होस्ट, टीवी एंकर, टीवी या मूवी एक्टर, फैशन डिजाइनर, संगीतकार, मॉडल, गायक, डॉक्टर और मोटिवेशनल स्पीकर आदि बनते हैं। इन्हें इनके प्रेरित करने वाले गुणों के चलते सफलता मिलती है।
मालव्य योग में जन्मे जातकों के पास एक आकर्षक और इंसपायर करने वाली पर्सनैलिटी होती है जो दुनिया में सामने वाले लोगों और विशेष रूप से विपरीत लिंग के लोगों को आकर्षित करती है।
ऐसे लोग सुंदर,हंसमुख्, स्टाइलिश, सुरुचिपूर्ण होते हैं। ऐसे लोग दिखने में अच्छे, कलात्मक, बुद्धिमान, प्रसिद्ध, हास्य कलाकार और जीवन में सभी भौतिक सुखों और समृद्धि पाते हैं। इनका भाग्य बलवान होता है और ऐसे लोग भाग्य की बदौलत सुख समृद्धि भी पाते हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें।