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क्या आपको पता है शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के बीच का अंतर? यहां पढ़ें इनके पीछे का रोचक तथ्य

मान्यता है कि इस दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, जिसे श्रद्धालु बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : February 22, 2022 15:15 IST
shiv ji
Image Source : TWITTER shiv ji

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 1 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा। फाल्गुल मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, जिसे श्रद्धालु बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। इस दिन शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि अलग-अलग माह और दिन में पड़ती है। कई लोग आज भी इस बात को नहीं जानते कि शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है। तो चलिए जानते हैं दोनों में क्या अंतर है-

शिवरात्रि क्या है?

शास्त्रों में सोमवार और प्रदोष का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है। इसे प्रदोष भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जब प्रदोष श्रावण महीने में आता है तो बड़ी शिवरात्रि मनाई जाती है। ऐसे में सालभर में 12 शिवरात्रि पड़ती हैं। 

महाशिवरात्रि क्या है?
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इस दिन को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन को शिव भक्त बेहद खास मानते हैं।

इस बार महाशिवरात्रि  का शुभ मुहूर्त-
महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी।

पहला प्रहर का मुहूर्त- 1 मार्च शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9 बजकर 27 मिनट तक 
दूसरे प्रहर का मुहूर्त- 1 मार्च रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर  33 मिनट तक 
तीसरे प्रहर का मुहूर्त- 1 मार्च रात्रि 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3  बजकर 39 मिनट तक 
चौथे प्रहर का मुहूर्त- 2 मार्च सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक 
पारण समय- 2 मार्च को सुबह  6 बजकर 45 मिनट के बाद

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