दुनिया और प्रकृति जीव जंतुओं से भरी पड़ी है। घर में आजकल पालतू जानवरो को पालना आम बात है। कुत्ते और बिल्लयों के साथ साथ तोते, मछलियां खरगोश इत्यादि भी शौक से पाले जाते हैं। हिंदू धर्म में यूं भी जंतुओं के प्रति भावुक व्यवहार औऱ दया की भावना रखने पर जोर दिया जाता रहा है। हमारे शास्त्रों में भी पशु पक्षियों की सेवा करने और उनके पालन पोषण जोर दिया गया है। कहते है कि इनकी सेवा से पुण्य प्राप्त होता है। कुछ पालतू जानवर तो काफी शुभ माने जाते हैं। इन्हें घर पालने से सुख, शांति, तरक्की और समृद्धि आती है। ऐसे जानवरों को पालने से घर में आर्थिक दिक्कतें कम होती हैं और रोजगार नौकरी में तरक्की के योग बनते हैं।
चलिए जानते हैं आज ऐसे ही कुछ पशु पक्षियों के बारे में जिन्हें पालने से दिन बदल जाते हैं।
कुत्ता
आमतौर पर घरों में कुत्ता पालना सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।ज्योतिष कहता है कि कुत्ता पालने से जीवन के कई संकट दूर हो जाते हैं। यूं भी इसे इसे कालभैरव का सेवक माना जाता है। कहते हैं कुत्ता पालने से आपकी कुंडली में मौजूद अशुभ ग्रह भी शुभ फल देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
कछुआ
कछुआ कम ही घरों में पाला जाता है लेकिन ये वास्तु और फेंगशुई के साथ साथ ज्योतिष में भी काफी महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र की माने तो घर में कछुआ पालना बेहद शुभ होता है। कछुआ भगवान विष्णु केअवतारों में से एक है। इसे घर में रखने से सभी कार्य समय पर और जल्दी पूर्ण होते हैं। कछुए को पालने से घर में पैसा, इज्जत के साथ साथ सुख शांति भी आती है।
खरगोश
यदि आपके घर बहुत अधिक नेगेटिव एनर्जी का साया है और घर के सदस्यो के रिश्ते आपस में बुरे हो रहे हैं तो घर में खरगोश पालना चाहिए। ये घर की नेगेटिविटी को दूर करता है। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। खरगोश घर में अच्छा भाग्य भी लाता है। इसके चलते परिवार में प्रेम बढ़ता है और समाज में इज्जत भी बढ़ती है।
मछलियां
कई लोग जानवरों को घर में रख नहीं पाते हैं लेकिन इसके स्थान पर मछलियां पाली जा सकती है। घर में मछलियों का एक्वेरियम में रखने से आर्थिक संपन्नता आती है और घर में धन आने के योग प्रबल हो जाते हैं। मछलियां सकारात्मकता और सौभाग्य की प्रतीक होती है। इन्हें घर रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वास्तु कहता है कि सुनहरे और काले रंग की मछली को साथ रखना शुभ होता है। इससे मुसीबत टलती है और घर परिवार में पैसा आता है।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।