Highlights
- ज्योतिषशास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है।
- जिनकी कुंडली में केतु दोष होता है, उनके अंदर बुरी आदतें पनपती हैं
अगर कुंडली में राहु के अलावा केतु दोष लग जाए तो जिंदगी में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जातक कई बुरी आदतों का शिकार हो जाता है। इतना ही नहीं राहु और केतु बुरी दशा में होने के कारण कालसर्प दोष का भी सामना करना पड़ सकता है।
अगर जातक की कुंडली में केतु महादशा में हैं तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। केतु का स्वभाव क्रूर होता हैं जिसके कारण यह तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य,विक्षोभ और अन्य मानसिक गुणों का कारक माना जाता है। ऐसे में जानिए केतु के दोष से मुक्त होने के उपाय, साथ ही जानिए इसके लक्षण।
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केतु के प्रकोप के लक्षण
अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह खराब स्थिति में हैं तो आपको इन संकेतों को ध्यान रखना जरूरी हैं। इसका सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है।
- चर्म रोग की आशंका
- जोड़ों में दर्द
- शरीर की नसों में कमजोरी होना
- सुनने की क्षमता पर असर पड़ना
- अक्सर खांसी की समस्या होना
- बुरी आदतें लगना
- संतान प्राप्ति में रुकावट आना
- रीढ़ की हड्डी में किसी न किसी तरह की समस्या होना
- पथरी की समस्या
- संतान को किसी न किसी तरह से कष्ट होना
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केतु को शांत करने के लिए उपाय
- केतु दोष से छुटकारा पाने के लिए रोजाना इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए- ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
- केतु ग्रह को शांत करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं।
- शनिवार के दिन एक लोटे जल में थोड़ी सी कुशा औप दूर्वा रखकर पीपल की जड़ में अर्पित करें।
- केतु के प्रकोप को कम करने के लिए भगवान हनुमान, गणेश जी और मां दुर्गा की पूजा करें।
- रविवार के दिन कन्याओं को मीठा दही और हलवा खिलाएं।
- कृष्ण पक्ष में पके हुए चावल में थोड़ा सा दही, काले तिल मिलाकर एक दोने में भर लें और इसे पीपल के पेड़ के नीचे रखें दें और केतु के शांत होने की प्रार्थना करें।
- त्रयोदशी तिथि को केतु संबंधी व्रत रख सकते हैं।
- केतु को शांत करने के लिए आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते हैं।
- केतु ग्रह को शांत करने के लिए उड़द, गर्म कपड़े, लोहा, छाता, कंबल आदि का दान करें।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।