Highlights
- पलाश को टेसू के फूल भी कहा जाता है
- पलाश के फूल को इस तरह रखें तिजोरी के अंदर
ज्योतिष शास्त्र में पलाश का बहुत अधिक महत्व है। इसे छूल,परसा, ढाक, टेसू, किंशुक, केसू जैसे कई नामों से जाना जाता है।
आपको बता दें कि एक जमाने में पलाश के फूलों को इस्तेमाल होली में रंगों के तौर पर किया जाता था। लाल रंग के इस खूबसूरत फूल को होली के कई दिनों पहले से ही पानी में भिगो कर रख देते थे और फिर उबालकर इससे रंग बनाते थे। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में भी इसका बहुत अधिक महत्व है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि पलाश के पेड़ में ब्रहमा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं का निवास स्थान होता है। इसलिए पलाश का इस्तेमाल ग्रहों की शान्ति में किया जाता है। इसके साथ ही पलाश संबंधी एक उपाय करने से आपको कभी भी धन की कमी नहीं होगी। जानिए इस उपाय के बारे में।
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अपने धन-धान्य और भौतिक सुखों की बढ़ोतरी के लिये आज एक पलाश का फूल और साथ ही एक एकाक्षी नारियल लें। अगर आपको पलाश का ताजा फूल न मिले तो आप पंसारी के यहां से सूखा हुआ पलाश का फूल भी ला सकते हैं। वो आपको आसानी से मिल जायेगा। अब उस पलाश के फूल और एकाक्षी नारियल को एक सफेद रंग के कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में या आप घर में जिस स्थान पर धन रखते हैं, वहां पर रख दें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस भी नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हुआ हो, उस नक्षत्र के पड़ने पर उससे संबंधित पेड़-पौधों या जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल उस व्यक्ति को नहीं करना चाहिए। इसलिए जिन लोगों का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो, उन लोगों को शुक्रवार के दिन पलाश के वृक्ष को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचानी चाहिए और साथ ही उसकी लकड़ियों, फूलों या उससे बनी किसी अन्य चीज़ का इस्तेमाल में नहीं लेना चाहिए। इसके बजाय पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों को शुक्रवार के दिन पलाश के पेड़ को नमस्कार करना चाहिए और उसकी पूजा करनी चाहिए । ऐसा करने से आपकी सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें।