हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को धूमधाम से हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन हनुमान भक्तों में अलग तरह का जोश देखने को मिलता है। हर ओर हनुमान नाम का जाप होता नजर आता है। इस साल 16 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। बता दें कि हनुमान जी को भगवान शिव का 11 वां अवतार माना जाता है। आज ही के दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानी श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी के उपलक्ष्य में हनुमान जयंती मनाई जाती है।
वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है । पौराणिक ग्रंथों में दोनों का ही जिक्र मिलता है, लेकिन वास्तव में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है । आज श्री हनुमान जी की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही हर प्रकार के सुख-साधनों से फलीभूत करती है ।
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लिहाजा आज हनुमान जयंती के अवसर पर श्री हनुमान की विशेष रूप से उपासना की जानी चाहिए। आज श्री हनुमान की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही हर प्रकार के सुख-साधनों से फलीभूत करती है, तो आज के दिन हनुमान जी की उपासना से आप किस प्रकार लाभ पा सकते हैं हम आपको बताएंगे तो आइए जानते हैं हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र के बारे में -
संस्कृत भाषा में द्वादशाक्षरी का अर्थ है– बारह, यानी हम आपको हनुमान जी के बारह अक्षरों के मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं मंत्र है -
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
इस मंत्र के जप से व्यक्ति को हर प्रकार के भय और खासकर कि वाहन दुर्घटना के भय से छुटकारा मिलता है, लेकिन आपको इस मंत्र के जप से पहले द्वादशाक्षरी यंत्र का निर्माण किया जाना बहुत जरूरी है और यंत्र निर्माण किस प्रकार करना है ये हम आपको बता रहे हैं।
निर्माण के लिये भोजपत्र पर लाल चन्दन की कलम से और अगर ये सब न मिले तो एक सादे कागज पर लाल स्केच पेन से पहले एक अष्टदल कमल बनाएं और उसके अंदर बाई और दाई तरफ एक-एक अर्द्धवृत्ताकार लाइन बनाएं। यंत्र फिर उन दोनों लाइनों के बीच में हनुमान जी का द्वादशाक्षरी मंत्र लिखें -
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
इस प्रकार आपका यंत्र तो बन गया, अब उस यंत्र को अपने मंदिर में या ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें। अब अष्टदल के बीच में लिखे मंत्र में हनुमान जी के स्वरूप की कल्पना करके उनका आह्वान करें और आठ अंजुलि पुष्पों से मंत्र के साथ हनुमान जी की पूजा करें। यानी हर बार एक अंजलि पुष्प चढ़ाने के बाद मंत्र पढ़ें –
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
इसके बाद भगवान श्री राम का ध्यान करके उन्हें प्रणाम करें। फिर अष्टदल कमल के आठ दलों में क्रम से सुग्रीव, लक्ष्मण, अंगद, नल, नील, जाम्बवान, कुमुद और केसरी का ध्यान कर हनुमान जी के मंत्र जप के साथ गंध और पुष्प से पूजन करना चाहिए। साथ ही माता अंजनि की भी पूजा करें और फिर सभी दिशाओं का ध्यान करते हुए शांत मन से एक जगह पर बैठकर हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का जप शुरू करें।
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आपको जितने मंत्र का जप करना है, उसका संकल्प यंत्र निर्माण की शुरुआत में ही ले लें। वैसे कम से कम आज के दिन आपको हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का 1008 बार जप करना चाहिए, लेकिन अगर इतना न हो सके तो 108 मंत्रों का जप अवश्य ही करें।
इस प्रकार हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र से सिद्ध किए हुए यंत्र को वाहन आदि पर लगाने से आप अपने वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। हनुमान जी का ये द्वादशाक्षरी यंत्र वही यंत्र है, जिसे महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के रथ की पताका पर लगाया था और जिसको लगाने के बाद से अर्जुन युद्ध में विजयी होता गया।
लिहाजा अगर आप भी आज इस यंत्र को बनाकर अपने वाहन, अपनी कार या मोटरसाईकिल आदि पर लगाते हैं, तो आपको कभी भी वाहन दुर्घटना का भय नहीं रहेगा और सफर पर जाते समय आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
अब चर्चा हनुमान जी के दूसरे मंत्र की, मंत्र है -
ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडाननाय मं मं मं मं मं सकल
विषहराय स्वाहा।।
आज इस मंत्र का 21 बार जप करने से आपको अपने आस-पास हर तरह की नेगेटिविटी से छुटकारा मिलेगा।
भरी रहेंगी तिजोरियां-
अगर आप अपनी तिजोरियां भरना चाहते हैं, अपने धन-दौलत में वृद्धि करना चाहते हैं तो आज आपको हनुमान जी के इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है-
ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय लं लं लं लं लं सकल
संपत्कराय स्वाहा।।
आज इस मंत्र का जप करने से आपकी धन-दौलत में वृद्धि होगी और आपकी तिजोरियां भरी रहेंगी।
शांति के लिए करें इसका जप-
अगर आपके घर-परिवार में किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है, जिसके चलते सबका मन अशांत हो गया है, तो आज आपको श्री हनुमान के इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है-
ॐ नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रें
ह्रौं ह्रः सकल भूत प्रमथनाय स्वाहा ||
इस प्रकार मंत्र जप के बाद हनुमान जी को पुष्प अर्पित करें। आज ऐसा करने से आपके घर-परिवार में चल रही परेशानी दूर होगी और सबका मन शांत रहेगा।
तरक्की के लिए करें ये काम-
जो लोग जीवन में खूब तरक्की पाना चाहते हैं, सफलता के शिखर पर पहुंचना चाहते हैं उन लोगों को आज हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान मंदिर की छत पर सवा दो हाथ लंबी लाल रंग की पताका लगानी चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है -
ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रूं रूं रूं रूं रूं रुद्रमूर्तये
सकलजन वशकराय स्वाहा।।