Highlights
- 16 अप्रैल को चैत्र माह की पूर्णिमा है।
- साथ ही 16 अप्रैल को हनुमान जयंती भी है।
16 अप्रैल को चैत्र माह की पूर्णिमा है। साथ ही हनुमान जयंती भी है। इस दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस दिन भगवान की पूजा करने से दो गुना फल मिलेगा। साथ ही हनुमान जी की उपासना करने से व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षा प्रदान करती है और हर प्रकार के सुख-साधनों से फलीभूत करती है। हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान हैं। इनकी पूजा विधि विधान करने से भगवान खुश होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।
लेकिन आपको बता दें कि हनुमान जी की पूजा करते समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आप जरा सी भी भूल करते हैं तो पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन किन चीजों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
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- हनुमान जी की पूजा के दौरान लाल, भगवा या फिर पीले रंग के ही कपड़े पहनकर पूजा करें। भूलकर भी सफेद या काले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा न करें।
- हनुमान जी को भूलकर भी चरणामृत का भोग न लगाएं। ऐसा करने से भगवान रुष्ट हो सकते हैं। चरणामृत के बदले आप चने की दाल, गुड़, बूंदी के लड्डू आदि का भोग लगा सकते हैं।
- भगवान बजरंगबली बाल ब्रह्मचारी हैं। इसलिए इस दिन अगर कोई महिला हनुमान जी की पूजा कर रही हैं तो उन्हें स्पर्श न करें। बेहतर होगा की दूर से ही पूजा कर लें।
- यदि किसी के घर में किसी की मौत गई है और सूतक चल रहा है तो हनुमान जन्मोत्सव के दिन व्रत या फिर पूजा न करें और मंदिर भी न जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि सूतक के समय आप अशुद्ध होते हैं। इसलिए 13 दिनों तक पूजा-पाठ न करें।
- अगर परिवार में किसी बच्चे ने जन्म लिया है तो ऐसे में बच्चा पैदा होने के 10 दिनों तक हनुमान जी के साथ किसी अन्य भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए।
- हनुमान जी की पूजा करने से पहले अगर आपने कुछ खाया हो तो पहले मुंह को अच्छी तरह से साफ कर लें। कभी भी झूठे मुंह से उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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