Guru Purnima 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। ये दिन खासतौर पर गुरु के लिए होता है। इस दिन उनकी पूजा की जाती है। हर किसी के जीवन में उनके गुरु का काफी महत्व होता है। गुरु से ज्ञान की प्राप्ति होती है, जो जीवन के हर मोड़ पर आपका साथ देती है। इस दिन महाभारत और पुराणों के रचयिता कृष्णद्वैपायन महर्षि वेदव्यासजी का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास सभी 18 पुराणों के रचयिता हैं।
महर्षि वेदव्यासजी ने धरती पर जन्म लेकर मनुष्यों का ज्ञान से मिलन करवाया था। इस दिन महर्षि वेदव्यासजी की भी पूजा की जाती है। क्योंकि उन्हें संसार का गुरु माना जाता है और इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई दिन बुधवार को है। हिंदू संस्कृति में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है। इस दिन न केलव अपने गुरु को याद किया जाता है, बल्कि इस दिन कुछ खास उपाय कर आप लाभ की प्राप्ति भी कर सकते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर बनने वाले संयोग
पंचमहारपुरुष योग का महासंयोग - इस बार गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पंचमहापुरुष योग भी मौजूद रहेगा। जब रुचक योग, भद्र योग, मालव्य योग, हंस योग और शश योग ये पांचो योग एक साथ होते हैं तो इसे पंचमहापुरुष योग कहते हैं। इस दिन सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक जिन बच्चों का जन्म होगा उनकी कुंडली में महायोग होगा। इस दिन गुरु पूजन के साथ-साथ व्यास मुनि और लक्ष्मी पूजन करना भी लाभकारी होगा।
गुरु पूर्णिमा पर दुर्लभ शुभ संयोग - इस बार गुरु पूर्णिमा पर ग्रहों का संयोग बेहद दुर्लभ होने वाला है। इस दिन एक साथ कई सारे शुभ योग बन रहे हैं। जिसका सीधा असर लोगों की राशियों पर भी पड़ेगा। गुरु पूर्णिमा पर ज्ञान, धन, सुख और ऐश्वर्य के योग का असर कई राशियों पर पड़ने वाला है। गुरु की पूजा करने से परेशानियों का हल मिलेगा।
लक्ष्मी नारायण योग - इस दिन शुक्र मिथुन राशि में 10 बडकर 50 मिनट पर प्रवेश करेंगे। ये समय बेहद ही शुभ है। मिथुन राशि वालों के लिए काफी फलदायी होगा। इस दिन लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। ऐसे में आप किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं, ये दिन काफी शुभ है।
बुधादित्य योग का भी रहेगा प्रभाव - इस बार सूर्य और बुध मिथुन राशि में एक साथ प्रवेश करेंगे। ऐसे योग को बुधादित्य योग कहा जाता है। गुरु पूर्णिमा के खौस मौके पर ये योग मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ होने वाला है। इस गुरु पूजा करने वालों के लिए यह खास दिन कल्याणकारी रहेगा।
गजकेसरी और रवियोग का योग - इस दिन गजकेसरी और रवियोग एक साथ मौजूद रहेंगे। गुरु और चंद्रमा मिलकर गजकेसरी योग बनाते हैं। इस दिन चंद्रमा और गुरु एक दूसरे से केंद्र स्थान में होंगे। गजकेसरी योग पर गुरु की पूजा करने वालों के लिए ये दिन शुभ साबित होगा।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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