गुड फ्राइडे के बाद मनाया जाने वाला पर्व ईस्टर होता है। ईस्टर संडे ईसाइयों के लिए बेदह महत्त्वपूर्ण दिन होता है। इस साल ईस्टर का पर्व 17 अप्रैल दिन रविवार को है। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर का पर्व मनाया जाता है। ईसाई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ‘गुड फ्राइडे’ को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन ईसा मसीह पुनर्जीवित हो गए थे। जिस दिन ईसा मसीह पुनर्जीवित हुए थे उस दिन भी संडे था इसीलिए इसे ईस्टर संडे कहते हैं। इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग ईस्टर दिवस, ईस्टर रविवार या ईस्टर संडे के रूप में मनाते हैं। यह ईसा मसीह के चमत्कारों में से एक माना जाता है। ईसा मसीह के जीवित होने की खुशी में ईसाई धर्म के लोग ये पर्व मनाते हैं।
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कैसे दोबारा जीवित हुए थे प्रभु-
ईसा मसीह को मृत्युदंड दिए जाने के बाद उनके अनुयायी निराश हो गए थे, जिसके चलते वो बार-बार ईसा मसीह की कब्र पर जाया करते थे। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन एक महिला कब्र पर गई और रोने लगी। उसने देखा कि ईसा मसीह के कब्र पर पत्थर नहीं था उसने इस बात की जानकारी अनुयायियों को दी जिसके बाद अनुयायियों वहा पहुंचे और उन्होंने भी देखा कि कब्र में केवल कफन पड़ा हुआ है, ईसा मसीह नहीं हैं।
कुछ समय के बाद अनुयायी वहां से चले गए लेकिन महिला वहीं रुकी रही और विलाप करले लगी तभी उसने देखा कब्र के पास दो स्वर्गदूत सफेद कपड़े पहने खड़े थे। उन दोनों दूतों ने उस महिला से रोने की वजह पूछी तो उसने ईसा मसीह के जाने की वजह बताई। उसी दौरान वहां उसने ईसा मसीह को देखा। उन्होंने उस महिला से कहा कि वे अब परम पिता के पास जा रह हैं। इसके घटना के तुरंत बाद वह महिला ईसा मसीह के अनुयायियों के पास आई और उनको बताया कि कैसे प्रभु ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए हैं। धार्मिक मान्यता है कि ईसा मसीह फिर से जीवित होने के बाद 40 दिनों तक पृथ्वी पर रहे। अंत में वे कुछ शिष्यों के साथ आसमान में चले गए।
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कैसे मनाया जाता है ईस्टर संडे?
इस दिन लोग गिरजाघरों में जाते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं साथ ही मोमबत्तियां जलाते हैं। बाइबिल पढ़ते हैं और प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक दूसरे को बधाई देते हैं। इसके साथ ही इस दिन लोग साथ ही एक-दूसरे को अंडे गिफ्ट में भी देते हैं। इस दिन अंडे का महत्व इसलिए है, क्योंकि ईसाई धर्म के लोग अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं। लोग घरों को अंडों से सजाते हैं।