Devshayani Ekadashi 2022: 10 जुलाई रविवार को यानी आज आषाढ़ शुक्ल एकादशी है। जिसे देवशयनी या हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से काफी लाभ मिलता है। आज से भगवान विष्णु चार महीने तक क्षीर सागर में योग निद्रा में रहेंगे। जिसके चलते अब किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल एकादशी तक आराम करेंगे। इसके बाद फिर से सभी शुभ काम दोबारा से आरंभ होंगे।
ग्रंथों में माना गया है कि देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। उसके सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं। इस व्रत को रखने से निधन के बाद विष्णु जी की कृपा से बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। इसलिए इस व्रत का काफी महत्व होता है।
देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त
देवशयनी एकादशी तिथि प्रारम्भ - 9 जुलाई - दोपहर 4 बजकर 39 मिनट पर शुरू
देवशयनी एकादशी तिथि समाप्त -10 जुलाई - शाम 2 बजकर 14 मिनट पर खत्म
देवशयनी एकादशी की व्रत कथा
सूर्यवंश में मान्धाता नामक चक्रवर्ती राजा के राज्य में तीन साल तक बारिश नहीं हुई और अकाल पड़ गया। तब राजा उपाय ढूंढते हुए अंगिरा ऋषि के आश्रम पहुंचे। ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि ने राजा से आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विधि पूर्वक व्रत करने को कहा। मुनि की बात सुनकर राजा चक्रवर्ती ने एकादशी का व्रत किया। उस व्रत के प्रभाव से बारिश हुई। अतः इस मास की एकादशी का व्रत को करना चाहिए। यह उपवास इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति प्रदान करता है।
देवशयनी एकादशी पर करें महाउपाय
धन की प्राप्ति के लिए -
देवशयनी एकादशी के दिन श्री नारायण को प्रसन्न करने के लिए कच्चे दूध में केसर मिलाकर उनका अभिषेक करें। ऐसा करने से आको धन की प्राप्ति होगा। आपके जीवन से आर्थिक संकट दूर होगा।
संतान प्राप्ति के लिए -
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा कर व्रत का पालन करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपके संतान की प्राप्ति के योग बनते हैं। साथ ही यदि आपकी संतान है तो इस व्रत से वो परेशानियों से दूर रहती हैं।
सौभाग्य प्राप्ति के लिए -
देवशयनी एकादशी के दिन व्रत और भगवान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन ब्राह्मणों को दान करना शुभ माना गया है।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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