हिंदू धर्म सनातम धर्म कहा जाता है जहां प्रकृति और जीव जंतुओं को भी पूजने की स्वस्थ परंपरा चली आ रही है। गाय को हमारे धर्म में मां का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि गाय जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है वहां सभी वास्तु दोष खुद ही समाप्त हो जाते हैं। जहां गाय की पूजा होती है वहां सुख समृद्धि का वास रहता है।
हिंदू शास्त्र ब्रह्मवैवर्तपुराण में कहा गया है कि गाय के पैरों में समस्त तीर्थ व गोबर में साक्षात माता लक्ष्मी का वास माना गया है। हमारे धर्म में गाय को माता माना गया है इसलिए गौमाता का दूध पवित्र और पूजनीय माना जाता है जिसे मां के दूध के तुल्य माना जाता है।
ज्योतिष कहता है कि अगर किसी की कुंडली में पितृदोष है या शुक्र नीच में राषि में है तो गाय की पूजा और उसकी देखभाल लाभकारी साबित हो सकता है। आपने गोधूलि बेला के बारे में सुना होगा, ये वही बेला है जिसमें गाय की पूजा से सोया भाग्य जाग पड़ता है।
ज्योतिष कहता है कि जिस व्यक्ति का भाग्य साथ नहीं देता हो, वो व्यक्ति अपने हाथ में गुड़ रखकर गाय को खिलाए। अगर गाय ने अपनी जीभ से उसकी हथेली चाट ली तो संबंधित व्यक्ति का भाग्य जाग जाता है।
ज्योतिष के अनुसार गाय की पूजा करने से कुंडली में अशांति फैला रहे नौ ग्रह भी शांत रहते हैं।
नियमित तौर पर गाय की पूजा करने और उसे चारा खिलाने से घर में अन्न पूर्णा देवी के साथ साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है। उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह गौ माता की पीठ पर हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।