सनातन धर्म में हर धातु किसी ना किसी ग्रह का कारक बनकर जीवन में शुभ और अशुभ प्रभाव देती है। सूर्य ग्रह जिसे तेज और बलशाली ग्रह माना जाता है, ऐसे ही तांबे को भी हिंदू धर्म में पूजा के योग्य बताया गया है। पूजा पाठ के दौरान तांबे से बनी वस्तुओं का उपयोग सदियों से आ रहा है।
मंदिर की घंटा, पूजा का लोटा, तांबे का पात्र, थाली, दीपक इत्यादि चीजें तांबे की होती हैं और इनका ताल्लुक हमारे धर्म में काफी पूजनीय माना जाता रहा है।
तांबे की बात करें तो यह सूर्य की धातु माना जाता है और कमजोर सूर्य को मजबूत करके भाग्य प्रबल करता है
कई लोग किस्मत को चमकाने के लिए तांबे के बने सिक्के का इस्तेमाल करते हैं। ज्योतिष कहता है कि तांबे का सिक्का कुंडली में बैठे बुरे ग्रहों के प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
ऐसे धारण करे तांबे का सिक्का
तांबे को पूजा घर में उपयोग करने के साथ साथ इसका उपाय करने से सूर्य का शुभ फल मिलता है।
बाजार से तांबे का सिक्का ले आइए। इस सिक्के पर सुनार से एक सुराख करवा लें या घर पर भी कर सकते हैं। आप चाहें तो बाजार में फेंगशुई वाले तांबे के सिक्के भी खरीद कर ला सकते हैं। अब काले रंग का धागा लेकर इस सिक्के के बीच में पिरो लें। इस तरह आपका काले धागे और तांबे का एक लॉकेट बनकर तैयार हो गया है।
तांबे के इस लॉकेट को सोमवार, मंगलवार या शनिवार के दिन नहाने पूजा पाठ के बाद गले में पहन लीजिए। अगर गले में नहीं पहन सकते हैं तो इसे अपने सीधे हाथ की भुजा पर भी बांध सकते हैं।
इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस दिन सिक्का पहननें उस दिन संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करें। ना नशा करें और ना ही मांस इत्यादि खाएं।
अगर कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होकर अशुभ फल दे रहा है और जीवन में सफलता नहीं मिल रही है, नौकरी की दिक्कतें आ रही हैं तो रविवार के दिन तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित कीजिए। ज्योतिष कहता है कि ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा हासिल की जा सकती है।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।