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Chankya Niti: कामयाब इंसान बनाना चाहते हैं तो छात्र जीवन में ही छोड़ दें ये 8 चीजें

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि विद्यार्थियों को सफल होने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों से दूरी बनाना लेना चाहिए।

Edited by: Shivani Singh @lastshivani
Updated on: February 03, 2022 15:26 IST
Chankya Niti In Hindi - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chankya Niti In Hindi 

Highlights

  • छात्र अगर होना चाहते हैं सफल तो ध्यान रखें ये बातें
  • आचार्य चाणक्य के अनुसार छात्र जीवन में इन चीजों से दूर रहना चाहिए

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सफलता पाने के कई मूलमंत्र दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि ऐसी कौन सी चीजें है जो आपके सफलता के मार्ग में रुकावट आ सकती सकती है। ऐसे ही चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि विद्यार्थियों को सफल होने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों से दूरी बनाना लेना चाहिए।

श्लोक

कामं क्रोधं तथा लोभं स्वाद शृङ्गारकौतुकम्। 
अतिनिद्राऽतिसेवा च विद्यार्थी ह्याष्ट वर्जयेत्॥

भावार्थ :
काम, क्रोध, लोभ, स्वाद, श्रृंगार, कौतुक, अधिक सोना, अधिक सेवा करना। इन आठ कामों को विद्यार्थी छोड़ दे। तभी उन्हें सफलता प्राप्त होगी।

आचार्य चाणक्य ने इस नीति में कहा कि अगर कोई छात्र परीक्षा में सफल होने के साथ भविष्य में एक कामयाब इंसान बनना चाहता हैं तो उसे अपने विद्यार्थी जीवन में कुछ चीजों का त्याग जरूर करना पड़ेगा। अगर छात्र ने इस चीजों को त्याग नहीं किया तो वह कभी भी सही मार्ग में चलकर अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएगा। 

काम
आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक छात्र को अपने कामवासना से कोसों दूर रहना चाहिए। क्योंकि वह इस सोच के साथ विद्या ठीक ढंग से प्राप्त नहीं कर सकता।

क्रोध
क्रोध करने से सोचने-समझने की क्षमता ख्तम हो जाती है। कई बार हम ऐसे फैसले य़ा काम कर देते हैं जिससे जीवन पर सिर्फ पछताते रह जाते हैं। इसलिए छात्र जीवन में तो कभी भी गुस्सा न करें।

लोभ
चाणक्य के अनुसार एक छात्र को कभी भी किसी चीज का लोभ यानी लालच नहीं करना चाहिए। छात्र को धन, ऐश्वर्य आदि की नहीं बल्कि विद्या की लालच होनी चाहिए। क्योंकि यहीं एक चीज है जो उसे कामयाब इंसान बनाएगी।

स्वाद
एक छात्र को कभी भी अपने स्वाद के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि स्वाद के चक्कर में कुछ भी खा लेते हैं। जिसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है और पढ़ाई से हम कोसों दूर हो जाते है। 

श्रृंगार
आचार्य चाणक्य ने कहा कि एक छात्र को हमेशा साधारण जीवन जीना चाहिए। क्योंकि अगर वह साज-श्रृंगार में लग गया हो उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगेगा जिसके कारण रिजल्ट भी बेकार आएगा। 

कौतुक
कौतुक यानी जिज्ञासु नहीं होना चाहिए। चाणक्य के अनुसार एक छात्र को केवल अपनी पढ़ाई को लेकर जिज्ञासा होनी चहिए। दुनिया में क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है। इसके बारे में उसे ज्यादा उत्सुक नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से आपका मन पढ़ाई से में लगा रहेगा।

अधिक सोना
अधिक सोना एक छात्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। ज्यादा सोने से आपको हमेशा आलस्य चढ़ा रहेगा जिससे आपका न ही पढ़ाई में लगेगा और न ही दिमाग साथ देगा। इसलिए रोजाना 6-7 घंटे से ज्यादा न सोएं।

 अधिक सेवा करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक छात्र को ज्यादा सेवा भी नहीं करनी चाहिए। इससे उनका मन पढ़ाई में नहीं लगेगा।  

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