Tuesday, November 05, 2024
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Chanakya Niti: शत्रु से भूलकर भी न करें इन दो बातों की जिक्र, झेलना पड़ सकता नुकसान

अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 17, 2021 15:44 IST
chanakya niti - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV चाणक्या नीति 

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार ऐसे लोगों पर आधारित हैं जिन्हें अपने शत्रुओं से संभलकर रहने की आवश्यकता होती है। 

चाणक्य के अनुसार जब इंसान सफलता की ओर बढ़ने लगता है या सफल हो जाता है, तो उसके कई शत्रु बन जाते हैं जो उसकी सफलता से खुश नहीं होते और किसी न किसी तरह से उस व्यक्ति को नीचे गिराने के पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए। ये शत्रु जरा सी लापरवाही पर गंभीर हानि पहुंचाते हैं। 

चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी जरूरी योजनाओं को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि जरा सी चूक होने पर व्यक्ति अंजाने में अपनी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी ऐसे लोगों से साझा कर सकता है जो आपके शत्रु के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। किसी भी तरह की जानकारी का ज्ञात होने ही शत्रु आपके कार्य में बाधा डाल सकता है या हानि पहुंचाने का प्रयास कर सकता है।

 'अवगुण, शत्रु के लिए किसी खजाने की चाबी से कम नहीं होते हैं': आचार्य चाणक्य 

 चाणक्य नीति कहती है अवगुणों का जितना जल्दी हो, त्याग कर देना चाहिए। आपके अवगुण, शत्रु के लिए किसी खजाने की चाबी से कम नहीं होते हैं। इन अवगुणों का लाभ उठाकर शत्रु निरंतर हानि और बाधा देने का प्रयास करता है। इसलिए हर प्रकार के अवगुणों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। अवगुण को ज्ञान और आध्यात्म से नष्ट किया जा सकता है।

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