आचार्य चाणक्य की अर्थ औऱ ज्ञान से भरपूर नीतियां आज भी जनता को समाज और परिवार में जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्य ने समयकालीन अनुभवों के आधार पर आकलन करते हुए पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन और समाज से जुड़े कई मसलों पर अपनी राय दी है जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है। ये नीतियां संकट के समय में उबारती हैं सही सलाह देती हैं।
इसी कड़ी में आचार्य चाणक्य ने उन बातों की जिक्र किया है जिसे मनुष्य को किसी बाहर वाले के सामने जिक्र नहीं करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि तीन बातों को हमेशा मन में दबाकर रखना चाहिए, इसका जिक्र दूसरों के सामने किया तो जीवन तबाह तक हो सकता है।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी मनु्ष्य को व्यापार में पैसों की हानि हो जाए तो दूसरों के सामने इसका जिक्र नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आपके विरोधी आपको कमजोर मानकर आप पर हावी हो जाएंगे और दूसरे लोग आपको बेकार मानकर आपसे दूरी बना लेंगे। ऐसे में नुकसान की बात किसी को न बताएं और समाज में अपनी आर्थिक स्थिति का जिक्र ना करें।
अगर किसी की पत्नी में कोई ऐब या अवगुण हो, वह आपके साथ लड़ाई करे या आपका अपमान ही कर दे लेकिन यह बात दूसरों के सामने नहीं कहनी चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति को समाज में छवि खराब होने का खतरा रहता है औऱ दांपत्य जीवन दूसरों के लिए मजाक का विषय बन जाता है।
यदि किसी ने आपको धोखा दिया है तो भी इस बात का जिक्र दूसरों से ना करें, ऐसा करने पर लोग आपको कमजोर दिमाग या उदार समझकर आपके साथ धोखेबाजी कर सकते हैं, इसलिए ऐसी बातों का जिक्र करके अपनी छवि को कमतर नहीं करना चाहिए। इससे समाज में आपकी स्थिति कमजोर होगी और लोग आपकी बातों को भी गंभीरता से नहीं लेंगे।