Highlights
- आचार्य चाणक्य ने सफल जीवन जीने की कई नीतियां बताई हैं
- आचार्य ने एक श्लोक में बताया कि व्यक्ति को किन जगहों पर नहीं करना चाहिए निवास
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई ऐसी बाते बताई हैं, जिनमें से अगर कुछ ही बातों का पालन किया जाए तो आप सफलता के मार्ग में अग्रसर हो सकते हैं।
आचार्य चाणक्य ने हमारे जीवन संबंधी कई नीतियां बताई हैं। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने का एक तरीका बताया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि आखिर किन जगहों पर किसी भी व्यक्ति को नहीं रहना चाहिए। क्योंकि इससे आने वाले समय में आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सफल और सुखी जीवन जीने के लिए इन बातों का जरूर रखें ध्यान।
Chanakya Niti: हर किसी के पास होता है ये गुप्त धन, बांटने से भी नहीं होता है कम
श्लोक
धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत॥
अर्थ
किसी भी व्यक्ति को ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए। जहां पर धनवान व्यक्ति, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य या फिर कोई नदी न हो।
धनवान व्यक्ति
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी ऐसी जगह पर न रहें। जहां पर कोई सेठ या धनवान व्यक्ति न रहता हो। क्योंकि जिस व्यक्ति के पास पैसा होता हैं वह उसे किसी न किसी तरह से बिजनेस में लगाता है, जिससे उसे तो फायदा मिलता है। इसके साथ ही उस कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति को रोजगार भी मिल जाता है।
Chanakya Niti: ऐसे लोगों पर नहीं होता किसी बात का असर, जीवनभर रहते हैं दुखी
विद्वान
आचार्य चाणक्य ने बताया कि हमें ऐसी जगह पर भी नहीं रहना चाहिए। जहां पर एक भी विद्वान व्यक्ति न हो यानी कि अगर आपके आसपास कोई ऐसी व्यक्ति न हो जो बिल्कुल भी पढ़ा-लिखा होने के साथ बुद्धिमान हो तो ऐसी दशा में आप सही और गलत का निर्णय नहीं ले पाएंगे। ऐसे में आप गलत राह पर जा सकते हैं।
राजा
राजा यानी शासन करने वाला या फिर साधारण शब्दों में कह सकते हैं कि कोई ऐसा व्यक्ति जो समाज को एक कानून में बांधकर रखें। इससे आपके आसपास की कानून व्यवस्था सही रहेगी। इसके साथ शासन की ओर से मिलने वाली सभी सुविधाओं का आप लाभ उठा पाएंगे।
वैद्य
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए जहां पर दूर-दूर तक कोई वैद्य यानी डॉक्टर न हो। क्योंकि डॉक्टर ही ऐसा व्यक्ति होता हैं जो आपको हर तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलाकर आपको सेहतमंद बनाता है।
नदी
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी जगह पर भी व्यक्ति को नहीं रहना चाहिए जहां पर नदी यानी कि जल का कोई स्त्रोत न हो। क्योंकि जल ही जीवन है, जिसके बिना हम एक दिन भी बड़ी मुश्किल से काट सकते हैं। इसलिए कभी भी रहने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वहां पर पानी की सही व्यवस्था है कि नहीं।