आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में मित्र और शत्रु के बारे में बताया है। उन्होंने अपनी नीति में कहा है कि व्यक्ति को अपने साथ रहने वाले व्यक्ति के बारे में हर एक बात पता होनी चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं तो हो सकता है कि आने वाले समय आपको किसी परेशानी का सामना करना पड़े। जानिए आचार्य चाणक्य से किस तरह के व्यक्ति से कोसों दूर रहना चाहिए।
श्लोक
परोक्षे कार्य्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्ज्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भम्पयोमुखम् ।।
Chanakya Niti: घर में आने वाले आर्थिक संकट को बतलाते हैं ये 5 संकेत, तुरंत हो जाए सतर्क
ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुंह पर तो मीठी बातें करते हैं। लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते हैं। ऐसा करने वाले उस विष के घड़े के समान होते हैं जिसकी ऊपरी सतह दूध से भरी नजर आती है।
आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोक में बताया है कि इंसान को कभी भी ऐसे व्यक्ति से मित्रता या संबंध नहीं रखना चाहिए। जो, आपके सामने तो बहुच ही अच्छे बनते हैं। लेकिन पीठ पीछे आपकी बुराई करते फिरते हैं। क्योंकि ऐसे लोग आपको कब किस साजिश में फंसा दें कुछ कह नहीं सकते हैं। ऐसे लोग बिल्कुल ऐसे विष के समान होते हैं तो आपको किसी किनारे नहीं लगने देते हैं।
Chanakya Niti: ऐसे लोगों पर नहीं होता किसी बात का असर, जीवनभर रहते हैं दुखी
इस तरह के लोग मौके मिलते ही आपको ही बर्बाद कर सकते हैं। आपकी हर योजनाओं में पानी फेर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति से बिल्कुल सतर्क रहें। क्योंकि ऐसे व्यक्ति आपके सामने बिल्कुल घड़े में भरे दूध के समान नजर आएंगे। लेकिन अंदर से आपके लिए विष ही उगलेंगे।