Highlights
- अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने धर्म, समाज और राजनीति के बारे में कई विषयों को उद्घाटित किया है
- जो व्यक्ति आपसे ज्यादा शक्तिशाली हो उससे न ज्यादा दूर और न ज्यादा पास जाना चाहिए
आचार्य चाणक्य की नीतियों से जो सीख लेता है वह जीवन में बहुत आगे तक जाता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को आप नजरअंदाज ही क्यों न कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के नाम से मशहूर विष्णु गुप्त की बातों में जीवन के कई रहस्य छिपे हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपनी जिंदगी को सफल बना सकते हैं।
अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने धर्म, समाज और राजनीति के बारे में कई विषयों को उद्घाटित किया है, जो हर व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताती है। आचार्य चाणक्य की बातों की तार्किकता जीवन की तमाम मुश्किलों को हल करती है मनुष्यों की सहायता करती हैं। आज चाणक्य नीति में जानिए किन लोगों से न ज्यादा दूर, न जाएं ज्यादा पास जाना चाहिए अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है-
शक्तिशाली व्यक्ति-
जो व्यक्ति आपसे ज्यादा शक्तिशाली हो उससे न ज्यादा दूर और न ज्यादा पास जाना चाहिए। शक्तिशाली व्यक्ति के अत्यधिक पास जाने से आपको उसके वर्चस्व के कारण अधीन कार्य करना पड़ सकता है तो वहीं अत्यधिक दूर बनाकर रखने से आपको उसके द्वारा मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है।
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स्त्री-
कहते हैं स्त्री को समझ पाना बेहद मुश्किल होता है। इसीलिए पुरुष को सदैव एक स्त्री के साथ संतुलित व्यवहार रखना चाहिए। स्त्री के दिमाग में कब कैसा क्या चल रहा हो ये कोई नहीं जान सकता है। इसके चलते अत्यधिक करीब जाने पर आपको ईर्ष्या और अपमान का सामना करना पड़ सकता है तो वहीं अत्यधिक दूरी से आपको नफरत का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए स्त्री के साथ संतुलित व्यवहार रखें।
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अग्नि-
वैसे तो अग्नि खाना बनाने का साधन है लेकिन इसके अधिक पास जाना और दूर जाना हानिकारक हो सकता है। अग्नि से अत्यधिक दूर होने पर खाना नहीं पक सकता वहीं तेज आंच से खाना जल सकता है साथ ही हाथ जलने का भी खतरा हो सकता है। इसीलिए अग्नि संतुलित दूरी और निकटता रखनी चाहिए।