आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है। चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी विषयों को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था। आचार्य चाणक्य की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्व विख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है।
सामुद्रिक शास्त्र: घर से बाहर जाते वक्त पहले कौन सा पैर रखना होता है शुभ?
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का विश्लेषण करेंगे कि जीवन में किन लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए तो चलिए जानते हैं-
मूर्ख की न करें मदद-
आचार्य चाणक्य के अनुसार मूर्ख इंसान की कभी मदद नहीं करनी चाहिए। मूर्ख व्यक्ति को कभी ज्ञान नहीं देना चाहिए। ऐसे लोगों को ज्ञान देना भैंस के आगे बीन बजाने के समान है। हम मूर्ख को ज्ञान देकर उसकी भलाई करने की सोचते हैं, लेकिन मूर्ख व्यक्ति इस बात को नहीं समझेगा। ये लोग फिजूल तर्क-वितर्क करते हैं, जिससे आपका समय तो जाएगा ही साथ ही दिमाग भी शांत नहीं रहेगा।
दुष्ट महिला से रहें दूर-
चाणक्य निति के मुताबिक दुष्ट महिला से हमेशा दूर रहना चाहिए। कहते हैं अगर आप कीचड़ में पत्थर मारेंगे तो छीटे आप पर भी गिरेंगी उसी प्रकार दुष्ट महिला से दूर रहें नहीं तो आपकी छवि भी धूमिल हो सकती है। इसलिए हमेशा ऐसी महिला से दूर रहना चाहिए।
सामुद्रिक शास्त्र: घर से बाहर जाते वक्त पहले कौन सा पैर रखना होता है शुभ?
बिना वजह दुखी रहने वाला-
कुछ लोग होते हैं जो हमेशा दुखी रहते हैं। ऐसे लोगों की मदद स्वंय भगवान भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे लोग दूसरों की तरक्की से जलते हैं और कोसते रहते हैं। ऐसे लोगों की अगर आप मदद करना चाहेंगे तो आप भी निराश हो जाएंगे और हीन भवना के शिकार हो जाएंगे। इन लोगों की भलाई करने पर भी हमें दुख ही मिलता है इसीलिए ऐसे लोगों से दूर रहें।