Highlights
- चाणक्य जी कहते हैं कि गुस्सा हमारी सोचने-समझने की शक्ति को खत्म कर देता है।
- उनका कहना है कि बुद्धिमान व्यक्ति को मूर्ख, मित्र, गुरु और अपने प्रियजनों से कभी विवाद नहीं करना चाहिए।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति के ज्ञाता कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कई ऐसी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं जिन्हें यदि जीवन में उतार लिया जाए तो आप कभी धोखा नहीं खा सकते हैं और आपको आगे बढ़ने से भी कोई नहीं रोक सकता है। चाणक्य ने अपनी नीति में यह भी बताया है कि गुस्सा आने पर कुछ लोगों से कभी भी झगड़ा नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि गुस्सा हमारी सोचने-समझने की शक्ति को खत्म कर देता है। ये न केवल आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि दुश्मनों का कारण भी बन जाता है। इसलिए चाणक्य जी कहते हैं कि जब हम गुस्सा होते हैं तो कई ऐसे लोगों से लड़ाई मोल ले लेते हैं जिसके बाद हमें पछतावा होता है। ऐसे में आइए जानते हैं किन लोगों से आपको कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए।
श्लोक
- मतिमत्सु मूर्ख मित्र गुरुवल्लभेषु विवादो न कर्तव्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन के अनुसार, बुद्धिमान व्यक्ति को मूर्ख, मित्र, गुरु और अपने प्रियजनों से कभी विवाद नहीं करना चाहिए।
परिजनों से न करें झगड़ा
चाणक्य नीति के अनुसार, परिजन और रिश्तेदार हमे अच्छे और बुरे की समझ करवाते हैं। वो हर परिस्थिति में हमारे साथ रहते हैं। ऐसे में अपने परिजन से विवाद करने से आपको ही बाद में पछतावा हो सकता है और वो आपसे दूर भी हो सकते हैं।
मूर्ख व्यक्ति
चाणक्य जी कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति से लड़ाई करना भैंस के आगे बीन बजाने के बराबर है। ऐसे लोगों से झगड़ा करके आप अपना कीमती समय तो बरबाद करेंगे ही साथ ही आपका मूड भी खराब हो सकता है। इसलिए मूर्ख लोगों से झगड़ा न करें।
दोस्तों से न करें लड़ाई
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी के सबसे खास रिश्तों में शामिल हैं। हंसी-मजाक करने से लेकर सीक्रेट्स शेयर करने तक दोस्ती हर कदम पर आपका साथ देती है। ऐसे में अगर आप दोस्तों से झगड़ा करते हैं तो भविष्य में मुश्किल आने पर आपको अपने किए पर पछतावा हो सकता है।
गुरु से न करें लड़ाई
हमें अंधकार से प्रकाश की ओर और अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाला गुरु ही होता है। हालांकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अक्सर गुस्से में आकर गुरु को भी बुरा-भला कह देते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करके आप न सिर्फ गुरु बल्कि ज्ञान से भी दूरी बना लेते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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